अंकित होंगे मेरे लहू से बर्बादी के अफसाने किसने सोचा था किसने जाना था यार दौस्तो सुना था मेहबूब बेवफा हो ये है कोई कोई हाय मेरे महबूब की आंखों में फरेब होगा हाय हाय किसने सोचा था किसने जाना था यार दोस्तों पतझड़ आयेगी आ कर चली जायेगी हाये […]

नागदा (धार) | सरकारी स्कूल डॉट इन द्वारा आयोजित ” मेरा शिक्षक मेरा गौरव ” प्रतियोगिता में शासकीय नवीन प्राथमिक विद्यालय नयापुरा माकनी के छात्र फैजान शाह, सूरज डाबी,छात्रा माही वर्मा द्वारा सहभागिता करने पर संस्था प्रमुख श्री अभिषेक रंजन ने प्रशंसा-पत्र देकर सम्मानित किया । इस प्रतियोगिता में बिहार, […]

आधुनिक समाज की रीढ़ , यूं ही नहीं कहलाते ये अभियंता। तन ,मन ,लगन और मेहनत से, अपना धर्म निभाते हैं ये अभियंता। तन मन में समाया जिनके पागलपन, जनसेवा में गवाएं अपना सारा जीवन। इरादे हैं पक्के और दिल में जोश भरा, आशा के दीप जलाएं मन में ये […]

दतिया। मध्यप्रदेश से प्रकाशित होने वाली हिंदी मासिक पत्रिका आदित्य संस्कृति नामचीन पत्रिकाओं में से एक है। इस पत्रिका का वर्तमान अंक सुविख्यात साहित्यकार, सामाजिक कार्यकर्ता और अभियंता डॉ अवधेश कुमार अवध के साहित्यिक अवदान एवं सामाजिक सहभागिता पर आधारित है। कोविड-19 की बाध्यता को देखते हुए इसका विमोचन आनलाइन […]

कहानी पत्थर की सुनता हूँ तुमको। बना कैसे ये पत्थर जरा तुम सुन लो। नरम नरम मिट्टी और रेत से बना हूँ में। जो खेतो में और नदी के किनारे फैली रहती थी। और सभी के काम में बहुत आती थी सदा।। परन्तु खुदगरजो ने मुझ पत्थर बना दिया। न […]

“सोचता हूं……. मेरी मां तूने है बहुत कष्ट पाए,तेरे ऊपर है दुखों घनघोर बादल छाए, गरीबी में सारा अपना बचपन गुजार दिया।। “सोचता हूं……किया सर्वस्व तूने न्योछावर भर जवानी में, पिता, भाइयों के घर को संवारने में अपना बहुमूल्य समय गुजार दिया।। “सोचता हूं…… जब भर जवानी की दहलीज में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।