छोटा बेटा जब लेने आया तो मां को यह समझ आ गया था कि बङ़े बेटे के यहां रहते हुए एक महीना बीत गया है। शरीर में शक्ति नहीं थी,मन बैचैन हो रहा था, दिल बैठा जा रहा था, ऐसे में छोटे बेटे के घर सीढ़ियां चढ़ाना वश में नहीं […]
सुबह उड़ते-उड़ते पंक्षी बोले, प्यारे बच्चों क्या हाल-चाल हैं। सुबह से तुम लिखते रहते हो, सचमुच सब बच्चे कमाल हैं।। बच्चों कुछ लिखो हमारे बारे में भी, हम कठिन दौर से गुजर रहे हैं। हमकों खाना कहाँ मिलेगा अब, धरा पर मानव जंगल काट रहे हैं।। तोता मैना चिड़िया कोयल […]
पाई जेब न धेला काम जय श्री राम जय श्री राम। अर्थब्यवस्था गिरी धड़ाम जय श्री राम जय श्री राम। बेच पकौड़ा पाओ दाम जय श्री राम जय श्री राम। छल्ल कबड्डी में आवाम जय श्री राम जय श्री राम। दीगर मुद्दे झंडुबाम जय श्री राम जय श्री राम। मेहनतकस […]
न दिल में गम है, न ही गीले और सिखवे। जब साथ हो तेरा, तो क्या गम और सिखवे। इसलिए तो दिल से, तुम्हें चाहते है हम। मेरी धड़कनों में अब, तुम ही तुम बसते हो।। क्या तेरा है पैमाना, मुझे आंक ने का। तेरे मूल्यांकन से मुझे, पता चल […]
जो खो गए है सवाल कही उत्तर उनका भी लाना होगा यह जीवन है एक पहेली सा सच का पता लगाना होगा कहा से आये कहा हमे जाना जीवन का क्या है अफ़साना लक्ष्य कोई अधूरा न रह जाएं अवरोध तोड़ आगे बढ़ जाना जीवन की शाम ढ़लने न पाएं […]
बिहार के सिवान जिले के चैनपुर गाँव के मध्यवर्गीय परिवार में जन्मे व भौतिक विज्ञान के छात्र रूपेश कुमार, पुत्र- श्री भीष्म प्रसाद, को “राष्ट्रिय आंचलिक साहित्य संस्थान”, हरियाणा द्वारा निस्वार्थ साहित्य सेवा के लिये पूरे भारत से पाँच साहित्यकारो मे जिनमें रुपेश कुमार को भी “भारत भारती” सम्मान से […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।