तुम्हारे मौन से मेरी बातों का टकराना, बिन शब्दों में न जाने कितनी आशाओं का रह जाना, संभव नहीं प्रत्यक्ष मिलन तो, आकर स्वप्नलोक में मिल जाना, कुछ अपनी कह जाना, कुछ मेरी भी सुन जाना, भीतर व्याकुलता मन ही मन है कुछ रिसता, न कोई बंधन न कोई रिश्ता, […]
मुंबई l जापान के हिंदी तथा पंजाबी,बांग्ला,सिंधी आदि भारतीय भाषाओं के विद्वान तथा ओसाका विश्वविद्यालय (जापान) के पूर्व प्राध्यापक डॉ.तोमिओ मिजोकामी ने बैंक ऑफ बड़ौदा के मुंबई स्थित प्रशासकीय कार्यालय में `भारत-जापान के आर्थिक एवं सांस्कृतिक इतिहास तथा वर्तमान परिप्रेक्ष्य` विषय पर हिंदी में ९० मिनिट व्याख्यान दिया। भारत-जापान के […]