चलो जिंदगी वक्त की सड़क पे, कुछ खेल करते हैं। मिले जो रास्ते पे, उनसे कुछ मेल करते हैं। कुछ तो मिलते ही, बेजान दिखते हैं। कुछ तो धोखा है यहाँ, जो बिखरे पड़े हैं राह पर। आओ इनसे रुककर बातें, दो-चार करते हैं। कुछ तो सड़क पे ऐसे मिले, […]

बेटी तो है अभिमान हमारा,ये तुमको मैं समझाती हूं। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ,ये गीत प्रेम का गाती हूं॥ बेटी को मरवाकर क्यों,बेमतलब तू पाप कमाए।  हो जाए तेरी ठंडी काया,बेटी को जो तू गले लगाए। ये है फरमाइश इसकी,पापा इसे बस लाड़ लड़ाए। भूल जाए तू हर दुख को,एक बार जो […]

खुद मुझे कितना रुलाकर चल दिए। आँख से आँसू बहाकर…चल दिएll  क्यूँ नहीं शिकवा किया हमसे कभी। गम सभी दिल में छिपाकर चल दिएll  फासले उसने रखे हमसे…सदा। और हमको ही सुनाकर…चल दिएll  मान लेते गर उन्हें अपना…कभी। क्या पता पीछा छुड़ाकर चल दिएll  मंजिलें मिलती रहीं आसाँ…किसे। खार में […]

रूप के भँवरे चुराने जब लगें नज़रें, जब ढले श्रृंगार का मौसम चले आना। हो अकेलापन कभी महसूस जब तुमको,                                                              […]

नए लोग होंगे नई बात होगी, ढूँढेंगी निगाहें क्या बात होंगी। हम करेंगे इंतज़ार उस घड़ी का, तुमसे हमारी मुलाकात होगी। तुम आओ न आओ मर्जी तुम्हारी, तुम्हारा इंतज़ार सौगात होगी। हमें है तुमसे मुहब्बत ये जान लो, न ख़ुशी से मिलोगे खैरात होगी। खबर हमें भी हैं तुम्हारे दिल […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।