पिता रक्षक है बच्चों का संसार है पिता बच्चों की खुशियों पर बलिहार है हर आवश्यकता पूरी करता है वो नहीं मेहनत मजदूरी से डरता है वो चाहे जितना कठिन हो उसके लिए अन्न खाने को भरपूर भरता है वो रहता दिल में उसके सदा ही प्यार है पिता बच्चों […]
बालक को गृहदीपक या कुलदीपक बनाना हो तो उसकी इच्छानुसार चलने नहीं देना। दीपक अर्थात् प्रकाश करने वाला, किन्तु जलाने वाला नहीं। कुलदीपक अर्थात् कुल को प्रकाशित करने वाला, किन्तु कुल को जलाने वाला नहीं! इसलिए बालक में सुसंस्कार डालो। अमुक धर्म-क्रिया तो करनी ही चाहिए, ऐसी आज्ञा भी करो। धर्म की आज्ञाओं […]