शब्द की महिमा जानिये शब्द शब्द में सार शब्द से  खुलता सदा सुख और दुःख का द्वार ! शब्द सुशोभित होये जब शब्द करे श्रृंगार शब्द क्रोध से जा मिले बरसे बस अंगार !  शब्द सरलता से बहे जैसे गंगा धार अन्तर्मन् उजला करे सुखमय हो संसार ! शब्द की […]

एक चाँद अकेला है, बादल ने घेरा है, रात की बात  चली अभी दूर सबेरा है, सुंदरता पर पहरा, लोभी का डेरा है, बंदिश इतनी फिर भी चांदनी बिखेरा है । एक चाँद अकेला है, बादल ने घेरा है, नीरव  रजनी सोचे प्रियतम से बात करे चकोर देख चहके, प्रियतम […]

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 यूं ही चलते चलते मैंने  रितिका से पूछ लिया था कि ‘पानीपूरी खाओगे’ ,  उसने हाँ में गर्दन  हिलाते हुए कहा- हाँ, जरूर,  तुम जो खिला रहे हो ! हम रोड क्रॉस करते हुए पानी पूरी वाले के पास गए!  दोनों पानीपुरी खाने लगे ! वैसे तो रितिका और मैं […]

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जीवन की गाडी ठीक नही पर उसे रोज  बनाते है | कभी दाल भात मिल जाता है कभी सूखी रोटी खाते है|     हम अपना भार उठाते है कंधे पर मेरे गुरु भार है परिवार से खूब प्यार है पढने लिखने की उम्र मे रोजी रोटी कमाते है    हम […]

बचपन के घर ही अच्छे थे बटवारे का नही बिवाद एक साथ सब मिलकर रहते विभाजन की नही दिवाल खुशिया है हरएक भाग मे नही उठा है कोई सवाल यह घर मां की ममता का है रहने का सबका अधिकार विन्ध्य ने इसे महान कहा है भाई भाई का प्रेम […]

बहुत कुछ सिखाती है किताबें जीवन जीने की कला  किताबें सुख-दुख की है साथी किताबें कभी डराती है हँसाती किताबें शब्दों से सुकून देती है किताबें नन्हे बच्चों की मुस्कान किताबें माँ की अथाह प्रेम धारा किताबें ज्ञान का बड़ा महासागर किताबें भोर की मतवाली किरण किताबें चाँद तारों का […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।