ये जो नक्सलवादी हैं नेता नहीं फसादी हैं। बातों से कब मानेंगे जो जूतों के आदी हैं। मसले से क्या है मतलब जो केवल उन्मादी हैं। गाँधी जी से क्या मतलब केवल कपड़े खादी हैं। लोक नहीं है भेंड़ हैं ये बस गन्ने की फांदी है । लोक तंत्र की […]

मैं राखी हूँ सदा श्रावण महीने की पूर्णमासी के दिन आती हूँ इसलिए मैं श्रावणी कहलाती हूँ….. मैं राखी हूँ….. आदि काल से आज तक मैं भाई-बहन के पावन रिश्तों को बांधकर रखी हूँ….. मैं एक राखी हूँ….. देश के रक्षक सीमा पर तैनात सूरमा सिपाही उन भाईयों की मैं […]

सर्वोच्च न्यायालय ने आज एक एतिहासिक फैसला किया है। उसने एकमत से माना है कि दिल्ली राज्य के प्रशासन-संचालन में उप-राज्यपाल का पद ध्वजमात्र है। वह प्रशासन का सर्वेसर्वा नहीं है। यह फैसला सिर्फ केजरीवाल सरकार की विजय नहीं है, यह देश के संविधान को भी स्पष्टता प्रदान करता है। […]

ठाकुर केदारनारायण सिंह की तिमंजिला कोठी में जश्न मनाया जा रहा है | देर रात तक ढोल टनकती रहती ,जुग जुग जिए रे ललनवा ,के अंगनवा के भाग जागे , जच्चा बच्चा ,सोहर नटका सब चलता ,बेसुरी हो या सुरीली सभी बहुएँ गाने को उतावली थी | आखिर बड़ी बहू […]

हुस्न वाले क्यों अदा यूँ आशकार करते हैं रूख़ पे पर्दा और निगाहों से वार करते हैं। हैं निशाने पर ये   जहान हमें मालूम है फिर भी हम आशिक तुमसे प्यार करते हैं। बड़ा मासूम दिल है ये जो दिया था तुमको रात भर बस तेरी हाँ का इंतजार करते […]

आजकल मैं मुंबई में हूं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने आज मुझे ऐसी भेंट दी है, जो आज तक किसी ने नहीं दी है। वे देश के ऐसे पहले मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने सरकार के सारे अंदरुनी काम-काज से अंग्रेजी के बहिष्कार का आदेश जारी कर दिया है। ऐसा करके […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।