मारा  हिन्दी  भाषा  से  हो  भाईचारा , बस यही  है  एक अंतिम पैगाम हमारा, डा अर्पण “अविचल” जी का है इशारा, जी हां “हिन्दी ग्राम “है  बस खेवनहारा, हमारे भारत वर्ष का बस एक  ही नारा, हिन्दी ही रही है राष्ट्रवादियों का सहारा, फिर हम अकेला  क्यों करे इसे किनारा, […]

भारत और चीन थे भाई-भाई, प्रीति रही क्या भली बनाई, खाते -पीते साथ मिलि राजा, हम एक-दूसरे के नहीं करें अकाजा, लेकिन चीन की नीयत थी खाम, उसने कर दिया बहुत घिनौना काम, किया नहीं यह अच्छा काम, भारत देखे घर और खेती बारी, उधर दुष्ट चीन करे युद्ध की […]

ओ माँ!मेरी माँ, प्यारी माँ-न्यारी माँ, मुझे जीना नही इस जहाँ, मुझे जीना नहि तेरे बिना, ओ माँ! मेरी माँ, प्यारी माँ-न्यारी माँ। मैं बेटा हूँ तेरा ही माँ, मेरा कोई नही तेरे बिना, तू ममता की सागर है माँ, तू शक्ति की अवतार है, तू करुणा की भंडार है, […]

छल रही है जिंदगी, चल रही है जिंदगी। है कभी मिठास तो, है कभी खटास भी। महफिलें सजी हुई, है कभी वनवास भी॥ ढल रही है जिंदगी, चल रही है जिंदगी। उम्मीदों के तूफान है, डूब का अनुमान है। हौंसलों की नाव पर, किनारों का अरमान है॥ संभल रही है […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।