#राम बहादुर राय “अकेला”एम.ए.(हिन्दी, इतिहास ,मानवाधिकार एवं कर्तव्य, पत्रकारिता एवं जनसंचार),बी .एड.मानवाधिकार कार्यकर्ता एवं स्वतंत्र पत्रकार,बलिया (उत्तर प्रदेश)
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मारा हिन्दी भाषा से हो भाईचारा ,
बस यही है एक अंतिम पैगाम हमारा,
डा अर्पण “अविचल” जी का है इशारा,
जी हां “हिन्दी ग्राम “है बस खेवनहारा,
हमारे भारत वर्ष का बस एक ही नारा,
हिन्दी ही रही है राष्ट्रवादियों का सहारा,
फिर हम अकेला क्यों करे इसे किनारा,
हिन्दी हैं हम वतन है हिंदुस्तान हमारा,
हिन्दी से हो सभी का आपसी भाईचारा,
अर्पण जी का आदेश हम सबको प्यारा,
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