अक्सर होने वाली माँ के लिए कहा गया, उम्मीद से हो क्या क्या होता है उम्मीद से होना उम्मीदें जिंदगी को बेहतरी से जीने का हौसला देती हैं, ये वो खुशी, वो अहसास है जो उसे औरत से माँ बना देती है किसी को बेशुमार प्यार करने की चाहत देती […]

शिखा अर्पण जैन, इन्दौर आधुनिक युग में बहुत सारी समस्याओं का सामना हमें करना पड़ रहा है, उसमें सबसे बड़ी समस्या है यातायात की समस्या। ये कुछ लोगों के लिए समस्या नही होगी, पर आप अगर महानगरों की बात करें जैसे दिल्ली, मुम्बई, बेंगलुरू, इंदौर तो यहाँ यातायात की सुगमता […]

काव्य कुँअर आयोजित बाहर बादल बरसे, भीतर काव्य रचनाएँ कवि नवीन, वाजपेयी व लिली डावर भाषा सारथी सम्मान से सम्मानित इन्दौर। गीत ग़ज़ल और हिन्दी कविता के सशक्त हस्ताक्षर डॉ. कुँअर बेचैन जी की जन्म जयंती पर रचनाकारों ने शुक्रवार शाम उम्दा रचनापाठ कर उन्हें भावांजलि अर्पित की गई। बीस […]

पुस्तक समीक्षा आज हम चर्चा कर रहे हैं पत्रकारिता एवं संगणक विज्ञान अभियांत्रिकी में निष्णात, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर जय हिंदी का उद्घोष करने वाले, हिंदी को समर्पित, विद्वान, कवि एवं लेखक डॉक्टर अर्पण जैन “अविचल” के काव्य संग्रह “काव्यपथ” की । कविता की समझ, विद्वता से परिपूर्ण आपका […]

पुस्तक समीक्षा  डॉ. अर्पण जी जैन ‘अविचल’ की पुस्तक ‘पत्रकारिता और अपेक्षाएँ’ अपने नाम को सार्थक करने के साथ-साथ पाठकों की अपेक्षाओं पर भी पूरी तरह खरी उतरी है। लेखन से ज्ञात हुआ कि पत्रकारिता का इतिहास और आज के समय की पत्रकारिता में ज़मीन-आसमान का अंतर आ चुका है। […]

यू. पी. कार्यकारिणी समिति ने किया वर्चुअल आयोजन दिल्ली। शुक्रवार को काव्य मञ्जरी साहित्यिक मंच ( रजि. ) के सौजन्य से संचालित यू. पी. कार्यकारिणी समिति की ओर से गूगल मीट पर “पितृ देवो भव:” नामांकित कार्यक्रम आयोजित किया गया । इस कार्यक्रम की देश विदेश से ख्याति सौहार्द डॉ. […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।