जहां नेमी प्रभु पशुओं की पीर देख वैराग्य पथ चुन लेते हैं जहां राम वन में भी रहकर शाकाहारी रहते है जहां वाईवल गीता पुराण सब हिंसा के खिलाफ है फिर क्यो करते मांसाहार तुम पशुओं की पीड़ा पर दया नहीं क्या बस चोला पहना है धर्म का धर्म का […]
धर्मदर्शन
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