दाल रोटी खाते थे, ना अस्पताल जाते थे,, ना कभी चेकअप कराया, ना खून चढवाते थे,, लकड़ी के हाथी घोड़े थे, एक ढोल एक बाजा था, दादी की कहानियों में, हर एक बेटा राजा था,, आँखो की शरम थी और सबका आदर मान था,, कितना भी झगड़ा था चाहे दिल […]

चलेगी सांस जब तलक, वो मुझको याद आएगी,,, करे कोशिश वो कितना भी, ना मुझको भूल पाएगी,,, बिछङ कर आज तक उसकी, खबर कोई नहीं आई,,, मैं महफिल में भी तन्हा हुं, बजी बेशक है शहनाई,,, कभी मांगी दुआओं में, कभी सजदा किया मैंने,,, जो हासिल है नहीं मुझको, लबों […]

क्या बीत रही होगी उन मात पिताओ पर,,, जिनके बच्चे लेटे हुए हैं आज चिंताओं पर,,, माँ बाप ने सोचा था बच्चे पढ़ने जाएंगे,,, ना सोचा था कोचिंग में बच्चे जल मर जाएँगे,,, पुरे देश में गुस्सा है आँखे भर आती है,,, बच्चों को तड़पते देख कर साँसे रुक जाती […]

कितने सालों बाद दिखे हो,, चेहरा कितना बदल गया,, इलैक्शन में इश्क़ फिर से,, मेरा जवान हो गया,, वोट डालने आई थी वो,, जिसकी अदा निराली थी,, जिसके इश्क़ के किस्सों की, कुछ बातें बड़ी पुरानी थी,, उसी दिवानी की उंगली पर,, स्याही का निशाऩ हो गया,, इलैक्शन में इश्क़ […]

वो मेंहदी वाले हाथ तेरे,, वो दबे हुए जज्बात़ मेरे,, वो गोरे हाथो पर चुम्बन,, जैसे हवन कुण्ड के सात फेरे,, वो मेहंदी की सुर्ख लालीयां,, उसके कानो की बालीयां,, देखके ” राणा ” ने गाया है,, सब माया है,, सब माया है,, सचिन राणा हीरो Post Views: 438

मेरे जीवन का आधार हो तुम,, मेरी खुशीयों का संसार हो तुम,, बड़ी मुश्किल से तुमको पाया है,, मेरी लोरी का अल्फाज़ हो तुम,, मेरी आंखो के सितारे हो,, मेरे आंगन के राज दुलारे हो,, मेरे जीवन रूपी आसमान के, तुम ही तो ध्रुव तारे हो,, मेरे साजन की छाया […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।