मेरी अर्धांगिनी के जन्मदिवस पर :- विकल हुआ जब हृदय मेरा तुम्हें पुकारा अंतर्मन से जल तेरे नयनों से माँगा नभ के श्यामल बादलों ने तेरा सौंदर्य चुराया झील के सब शतदलों ने ध्वनित हो रहा नाम तेरा विस्तृत वसुधा के कण-कण से विकल हुआ जब हृदय मेरा तुम्हें पुकारा […]

बुझे दीपक से ज्योति माँगने कब कौन आता है निशा घनघोर है चहुँ ओर दिखाई कुछ नहीं देता पथिक किस मार्ग पर जाएँ सुझाई कुछ नहीं देता निराशा व्याप्त है उर में काल अश्रु बहाता है बुझे दीपक से ज्योति माँगने कब कौन आता है वंश-कुल, मान व संस्कार की […]

किसी हाल में न ज़ुल्म से डर जाना चाहिए जी न सको इज्ज़त से तो मर जाना चाहिए ========================== गर चाहते हो याद करें लोग तुम्हें भी जिसका भी हो सके भला कर जाना चाहिए ========================== महफूज़ रहना है तो बनो भीड़ का हिस्सा जिधर की हो हवा बस उधर […]

अलस्सुबह के हसीं आफताब जैसा है मेरे महबूब का चेहरा गुलाब जैसा है ======================== उसमें अक्स अपना देखूँ या पढूँ मैं उसे दिल आईना है और बदन किताब जैसा है ======================== डूबती जा रही है मेरी हस्ती कि उसका जैसे एक – एक आँसू सैलाब जैसा है ======================== जिन्हें कल […]

मेरी तरह जो किसी बेवफा से तुम दिल को लगाओगे तुम भी तड़पोगे यूँ ही और तुम भी बहुत पछताओगे ============================== राह – ए – मुहब्बत पे चलना है काम बड़े जांबाजों का ओ डर-डर के जीने वालो तुम क्या साथ निभाओगे ============================== बेहतर है जो बीत गया हो उसको […]

तनहा होने का अहसास अब नहीं होता तू ही बता तू मेरे साथ कब नहीं होता ========================== मिले जितना भी उससे ज्यादा माँगता है ये क्यों इंसान कभी बे-तलब नहीं होता ========================== किसी को भी फिज़ूल समझने की भूल न कर इस जहाँ में कुछ भी बे-सबब नहीं होता ========================== […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।