अपनी ही धुन में मगन देखते हैं फैशन का इस तरह चलन देखते हैं मर्यादा रखी गई ताक पर अधनंगा बदन देखते हैं लोग अपने आप मे सिमटने लगे खो रहा अपनापन देखते हैं रिश्तों में हो रही खटास जुबान पे कड़वापन देखते हैं तालुक कौन रखता है झोपड़े वालों […]

है स्वर्ग से भी सुंदर ये जहान हमारा है बात निराली है वो हिंदुस्तान हमारा है हिन्द के खातिर तो मर मिट हम जाएंगे जान से प्यारा है,स्वाभिमान हमारा है है स्वर्ग…….. दुश्मन ये पाकिस्तान क्या ये बिगाड़ेगा है दिल जिगर अपना,अरमान हमारा है है स्वर्ग……. धरती से अम्बर तक […]

छोड़ नफरत, प्यार का चलन रहने दो । अमन शांति का अपना वतन रहने दो ।। रिश्ते प्रीत के सभी से निभाते रहिए । ये समझ लो पाक अपना मन रहने दो ।। कामना करते रहें खुश रहे ये जमाना । धरती सुनहरी , नीला गगन रहने दो ।। अपनेपन […]

गर है दोस्ती तो दोस्ती को सम्मान देना । दोस्तों के लब ………..पर मुस्कान देना ।। मेरी नजरों में दोस्ती है जन्मों का बंधन । देनी पड़ी गर जान तो फिर जान देना ।। दूजा नही  है दोस्त, है परिवार का हिस्सा ।। माता पिता भाई बहन….. को मान देना […]

बच्चे माँ बाप को समझाने लगे हैं छोटे कपड़ों को फैशन बताने लगे हैं भूलने लगे भला क्यों ये संस्कार को होटल डिस्को में वक्त बिताने लगे हैं सभ्यता जैसे अब तो मरने लगी है उंगलियां मोबाइल पर फिराने लगे हैं भूलने हैं लगे अदब और सम्मान को अपने से […]

वतन  के  दीवाने  निकल पड़े ! रंग अपना जमाने निकल पड़े !! ऐसे वीरों  को  शत शत नमन है ! लाज वतन की बचाने निकल पड़े !! मुसीबत सदा खुद ही सहते रहें वो ! और औरों  को  हँसाने  निकल पड़े !! देख लो कितने जांबाज है वो सिपाही ! […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।