विजय मिलने पर  इतराओ नही हार मिलने पर  घबराओ नही यह रचा रचाया  है ईश्वरीय ड्रामा इसमें बेवजह सिर खपाओ नही विजय मिली है तो झुकना सीखों हार मिली है तो स्वीकारना सीखों जो बोया था वही तो काटोगे दोष दुसरो पर  क्यों बांटोगे बस अपनी कमी  सुधारता चल विजय […]

जीवन है क्षण भंगुर मान इसका कीजिए कब आ जाये किसका बुलावा यह बात समझ लीजिए एक बार जीवन गया फिर न मिल पायेगा जीवन मे अच्छा करने का स्वपन धरा रह जायेगा मेरी मानो जीवन का हर क्षण सार्थक अब कीजिए दो घड़ी समय निकाल कर परमात्मा को याद […]

सूरत में जिंदा जल गए बीस माताओ के लाल पूरा देश गमगीन हुआ पीड़ित परिजन बेहाल कैरियर बनाने गए थे आगज़नी ने ले ली जान हादसे का दोषी कौन है प्रशासन तक अनजान दिवंगतों को आत्म शांति मिले परिजनों को धैर्य महान हादसे के दोषियों को सजा मिले चाहे कितने […]

धन के पीछे भाग रहे बेच रहे है ईमान स्वार्थ मन पर हावी हुआ बदल गया है इंसान रिश्ते नाते सब दिखावा पैसा है सब पैसे की माया मानवता तक भूल गए नही रहा कोई पछतावा आधुनिकता के नाम पर फैशन परस्ती हो गई हावी जिन मां बाप ने जन्म […]

मन से सन्त जो हो गया माया मोह से छूट गया राग द्वेष कोई न रहे मन मे राम बसे रहे घर छोड़ना जरूरी नही परिजनों से दूरी जरूरी नही दायित्व सभी निभाओ तुम व्यवहार से सन्त बन जाओ तुम। #श्रीगोपाल नारसन परिचय: गोपाल नारसन की जन्मतिथि-२८ मई १९६४ हैl आपका […]

  राजनीतिक चिंतक अरुण त्रिपाठी की सोच  वरिष्ठ पत्रकार एवम राजनीतिक चिंतक अरुण कुमार त्रिपाठी का मानना है कि इस चुनाव परिणाम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने  बड़ी चुनौतियां भी आकर खड़ी हो गई हैं। उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती भारत के विचार को बचाने और संविधान की भावना […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।