सतयुग,त्रेता और द्वापर फिर कलियुग आ जाता है नई दुनिया बनाने को ईश्वर संगम  पर आता है संगम एक ऐसा युग है कलियुग को मार भगाने का विकारो से मिले मुक्ति ऐसा सदपाठ पढ़ाने का इस पुनीत कार्य को ईश्वर धरा पर आते है अज्ञानियों को ज्ञान देकर उन्हें गुणवान […]

परमात्म सेवा करते रहो चाहे सुबह हो या शाम दिल किसी का दुखाओ नही चाहे जैसा भी हो कोई इंसान हम सब प्रभु की संतान है वही है रूहानी पिता हमारा याद प्रभु को सदा करते रहो सांसोसवान्स रहे स्मृत प्रभु प्यारा याद प्रभु की करने से ही मिलेगी हमे […]

मासूम बच्चों की मौत पर गमगीन है सारा देश चमकी बनकर आई मौत हैरत में है सारा देश आयुष्मान भी बचा न पाया हे भगवान यह कैसी माया स्वास्थ्य के दावे धरे रह गए डॉक्टर असहाय खड़े रह गए सीएम की बोलती क्यो बंद है बिहार सरकार क्यों बेदम है […]

योग बिना जीवन नही यह जान लो नर नारी तन मन इससे स्वच्छ बने पास न आये  बीमारी योग दिवस पर योग किया सालभर फिर गौण किया लटक जाएगी जीवन की गाड़ी घेर लेंगी बहुत सी बीमारी योग दिनचर्या में लाना होगा रोज सवेरे अपनाना होगा तभी स्वस्थ रह पाएगी […]

शांति का लिबास ओढ़े है जो उम्मीद उन्ही से है ज़्यादा उनकी एक एक हरकत पर समाज का ध्यान होता है ज़्यादा धैर्य का पाठ पढ़ाने वाले जब खुद ही धैर्य खो देते है स्वयं की स्तिथि खराब करते दुसरो को भी दुख दे देते है लिबास नही अन्तःकरण को […]

विश्व शांति की दूत व प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की मुख्य प्रशासिका 103 वर्षीय राजयोगिनी दादी जानकी को गुस्से का साफ्टवेयर और आपरेटिंग सिस्टम नामक पुस्तक भेंट की गई।माउंट आबू में ब्रम्हाकुमारी संस्थान के मीडिया प्रभागद्वारा आयोजित राष्ट्रीय  मीडिया कांफ्रेंस में बतौर स्पीकर भाग लेने गए  श्रीगोपाल नारसन ने  शान्ति […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।