घुटन के साथ तमन्नाओं का जैसे मचलना है, एक जुगनू का घोर अंधरों में जैसे चमकना है। एक लकीर-सी खिंची है जो क्षितिज में, अब उड़कर उसको भी पार करना है। अपने ही द्वन्द में पछाड़ खाते हैं बार- बार, लगता है लिखा अपने हाथों ही मारना है। एक बहरुपिया […]

शक्ति स्रोत हे युवा मण्डल,तत्क्षण होश में आओ, काल गया अब सोने का,जागो औरों को भी जगाओ। युग जननी अकवार पसारे,कब से करती आह्वान, संग उठो फौलादी हाथों से,संभालो माँ का दामन। संभालो माँ का दामन,कहीं यह उड़ न जाए, पुनः गुलामी के शिकंजे,तुम्हें जकड़ न जाए। देश में फैली […]

चल दोस्त नदी के किनारे चलें, भागकर घर से, छुपते-छुपाते,बरगद तले चलें.. चल दोस्त नदी के किनारे चलें। वो मुंडेर,जहाँ बीता करते थे सारे दिन अपने, बैठ के बुना करते थे बड़े बनने के सपने.. उस सपने की सच्चाई से दूर लौट, अपने बचपन में चलें.. चल दोस्त नदी के […]

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आज फिर दिल ने एक नगमा गाया है, मुद्दतों बाद कोई हमें याद आया है। उन पुराने पन्नों से धूल सारी उड़-सी गई, सूखी स्याही ने भी कुछ लिखना चाहा है। बुझे चिरागों से रोशनी-सी आई है, खिजा के फूलों ने फिज़ा महकाई है। दिल-ए-तन्हा आज फिर मुस्कुराया है, मुद्दतों बाद कोई हमें याद आया है। आज रंगे शमा खिला-खिला-सा है, अंदाजे शोर कुछ महफिल-सा है। प्यासे प्यालों ने जी भर के ज़ाम पाया है, मुद्दतों बाद कोई हमें याद आया है।                           […]

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या खुदा हम पे भी तू अपनी इनायत करदे , दर्द और ज़ुल्म की दुनिया पे तू रहमत कर दे। कैसी दुनिया है ये,बेटी जहाँ महफूज नहीं, ऐसी दुनिया में तो, अच्छा है कयामत कर दे। मैं वो हीरा हूँ जिसे आज तराशा न गया, ले ज़मीं से तू उठा,तय […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।