तन-मन अपना न्योछावर कर, खड़े हो डटकर सीमा पर, मेरे प्यारे भैया तुम्हरी, हम लें बलैयाँ जी भर कर।। भेज रही हूँ पाती भैया, स्नेह प्यार से सींचकर, हो सके तो आना भैया, पावन रक्षाबंधन पर।। माँ बाबुल हैं राह देखते, तुम्हरे घर पर आने की, भावज के हाथों भी […]

जब से तेरी लगन लगी है कुछ भी और नहीं भाता। भाना तो अब दूर जगत से टूट गया झूठा नाता।। रोम – रोम में हुलक मारती पुलक न जाने क्या कर दे। एक झलक की चाह लिए यह ललक न जाने क्या कर दे।। जब – जब मैं तुझमें […]

इंदौर। सावन माह के उपलक्ष्य में मातृभाषा डॉट कॉम द्वारा कविता लेखन प्रतियोगिता आयोजित को गई जिसमें दमोह की लेखिका साधना छिरोल्या विजेता बनी। मातृभाषा डॉट कॉम के सम्पादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने बताया कि ‘उक्त प्रतियोगिता डिजिटल स्वरूप में आयोजित की गई थी, कई रचनाकारों ने कविताएँ भेजी […]

इन्दौर। अज्ञेय के चौथा सप्तक के कवि, हिन्दी गौरव व मातृभाषा उन्नयन संस्थान के संरक्षक राजकुमार कुम्भज का बावनवां कविता संग्रह ‘बारिश में झरते हैं शब्द’ आ चुका है। हिन्दी में नई कविता आन्दोलन के प्रखर समर्थक राजकुमार कुम्भज के अब तक बावन कविता संग्रह आ चुके हैं। श्री कुम्भज […]

◆डॉ अर्पण जैन ‘अविचल’ हिन्दी कवि सम्मेलन अपनी आयु का सैंकड़ा जड़ रहा है, इस बीच हमने बहुत कुछ अर्जित किया तो उससे कहीं ज़्यादा खो दिया। इसी काव्य नभ का एक सितारा 2009 में भी टूटा था। सन 2009 की तारीख़ आठ जुलाई की वो ग़मज़दा सुबह, जब दिल्ली […]

यदि आप कविता लिखते हैं तो सावन ऋतु के उपलक्ष्य में मातृभाषा डॉट कॉम लाया है आपके लिए कविता लेखन प्रतियोगिता। विशेष कविता प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है, जिसमें सावन / व्रत / त्यौहार या उनसे जुड़े विषय पर अपनी कविता लिखकर भेज सकते हैं, जिसका प्रकाशन मातृभाषा डॉट […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।