बर्दाश्त हो जाएगा किराए के घर में रहना जिसमें न छज्जा है, न बैठका, न बरजा बस! अंधी-अंधी दो ठिंगनी कोठरियाँ हैं बिना खिड़कियों और रोशनदानों वालीं जहाँ ततैये भी बचते हैं अपने घरौंदे बनाने से; बर्दाश्त हो जाएगा कर्ज़ में आकंठ डूबे हुए अपने घर में रहना जहाँ एक अदद कोठरी में ही अघा जाता है […]