निस्तब्ध -उजाड़ दुपहरी में, उठा हो कहीं बवंडर. भाग रहीं हो आंधियां, विक्षिप्त -सी इधर- उधर. समझ जाना, कोई कोरा आंचल फटा है किसी ने कोई दुपट्टा छीना है। बिवाइयां फटे सपनों के पांव, दागा है किसी ने सलाखों से. रिसते रुधिर नहीं हैं ये , सिसक रही है कली […]