राम को लेकर अब फैंसला आने वाला है राम का फैंसला अब मानव करने वाला है रोज़ अदालत लग रही रोज़ सुनवाई हो रही मानव, मानव से लड़ रहा जग हंसाई भी हो रही जो है स्वयं जगत नियंता उन्हें न्याय मिलने वाला है जगत नियंता की किस्मत का अब […]

लक्ष्मी स्वरूपा युगल है तो नारायण स्वरूप आप भी बनिए समर्पण भाव युगल में है तो संरक्षक स्वरुप आप भी बनिए दीर्घायु के लिए रखा है व्रत तो दायित्व बोध खुद भी समझिए सीता जैसा फ़र्ज निभाती वह राम के जैसा खुद भी बनिए राधा जैसा प्रेम किया है उसने […]

करवाचौथ 17 अक्टूबर दिन गुरुवार को पड़ रहा है. इस दिन महिलाएं निर्जला उपवास रखती हैं और रात में चांद देखने के बाद अपना उपवास पूरा करती हैं. माना जाता है कि इस दिन अगर सुहागिन स्त्रियां उपवास रखें तो उनके पति की उम्र लंबी होती है और उनका गृहस्थ […]

महात्मा गांधी की कर्म भूमि पर हिंदी विश्वविद्यालय निराला है क्षेत्रीय भाषाओं को साथ लेकर हिंदी की चल रही प्रगति धारा है साहित्य के पुरोधाओं को मान दिया स्मृति स्थाई कर अधिमान दिया राहुल पुस्तकालय, गालिब सभागार प्रेमचंद, मुक्तिबोध,निराला मार्ग कामिल, सावित्रीबाई छात्रावास नागार्जुन, मालवीय भवन प्रभाग बने अदभुत प्राकृतिक […]

गांघी जी ने सन 1936 में स्वाधीनता की अलख जगाई थी वर्धा में रहकर गांधी जी ने राष्ट्रभक्ति की कसम खिलाई थी उन्ही के प्रयासों से वर्धा में हिंदी आंदोलन खड़ा हुआ उन्ही के नाम से वर्धा में हिंदी विश्विद्यालय स्थापन हुआ यहां की मिटटी की कण कण में महात्मा […]

बापू की धरती वर्धा में हिंदी समागम हो रहा विक्रमशिला विद्यापीठ का 50 वां अधिवेशन हो रहा देश के कोने कोने से सरस्वती की संतानें आई है रचनाधर्म निभाया जिन्होंने वे सम्मान पाने यहां आई है गांधी जी स्वयं हिंदी भाषा के बड़े पैरोकार कहे जाते थे बापू कुटी में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।