किसी बेदर्द से जज्बात का इजहार मत करना, भले ही दाब कर भेंटे कभी व्यवहार मत करना, बड़ा आसान-सा है आजकल दिल से भुला देना.. कभी भी हुस्न पर ‘नीरव’, किसी से प्यार मत करना । तुम्हारा नाम सुनते ही, हमारी आंख भर आई.. तुम्हारी बेवफाई चोट बनकर फिर उभर […]

एक वहाँ है अम्बर में, और एक यहाँ है धरती पर, ये ओट छिपा है घूँघट की, वो ओट छिपा है बदली की, कहो कैसे कि मैं दीदार करूँ,दिल का अपने इजहार करूँ, मेरे सामने आता है वो नहीं, मेरा चाँद बड़ा शर्मिला है। एक नीली चुनर को ओढ़े है,एक […]

रोज सुबह केवल, सूरज ही नहीं निकलता पहाड़ियों की ओट से एक गडरिया भी आता है, पगडंडियों पर काँधे पर लाठी लेकर सीना फुलाकर रेवड़ भूल न जाए रास्ता रखता वो चौकस निगाहें क्या सूरज भी ऐसी रखवाली करता है किरणों की।   दिनभर सूरज की, यात्रा के साथ चलती […]

हाल ही में एक खबर आई थी कि,वैश्विक स्तर पर दुनिया की सर्वाधिक प्रभावशाली १२४ भाषाओं में हिन्दी का १०वां स्थान है। इसमें यदि हिन्दी की बोलियों और उर्दू को भी मिला दिया जाए तो यह स्थान आठवां हो जाएगा और इस तरह इस सूची में कुल ११३ भाषाएं रह […]

नज़र मिलते ही मेरे दिल को फौरन कर गया घायल, तुम्हारी आँख का काजल,तुम्हारी आँख का काजल। तुम्हारी हिरनी जैसी चाल पर संसार मरता है, तुम्हें जो देख लेता है वही हो जाता है पागल। तुम्हारी ज़ुल्फ बिखरे तो मुझे महसूस होता है, उमड़ आया हो जैसे स्याह-सा बरसात में […]

धन्य-धन्य भारत की सेना, भारत के हर वीर जवान। दस बंकर को नष्ट किए हैं, नानी याद करे शैतान। अमन चैन की बात न  समझे, हत्या बस जिनका है काम। वो क्या समझे मानवता को, मजहब को करते बदनाम। नज़र उठाए जो भारत पे, उसको झट फोड़ो अब आँख। आतंकी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।