प्रकृति ने ली अंगड़ाई है पहाड़ में फिर तबाही है ग्लेशियर फिर से पिघल गए टुकड़ो टुकड़ो में बिखर गए सैकड़ो जाने चली गई प्रकृति के हाथों छली गई एक दिन पहले से हलचल थी ग्लेशियर फटने की तड़पन थी बस, हम ही नही समझ पाए अपनो की जान नही […]

आत्मा का मूल धर्म शांति आत्मा का यही मिजाज क्रोध होता मात्र क्षणिक चलता शांति का ही राज क्रोध बिगाड़ता शरीर को आत्मा विचलित हो जाती आत्मस्वरूप मे रहने मात्र से मन को शांति मिल जाती मन के शांत रहने मात्र से संकट मिट जाएंगे सारे तन मन दोनों स्वस्थ […]

सावधानी हटी दुर्घटना घटी परिणाम भयावह एक मां का बेटा गया एक बहन का भाई परिवार का सहारा गया जीवन से उजाला गया काश!सावधानी बरतते हेलमेट पहनते बच जाती जान न होता नुकसान प्रभु नियति मे न पड़ता व्यवधान दुर्घटना से मौत पर रोक लगे हर कोई अपना जीवन पूरा […]

यह जीवन प्रभु की देन है करो इस जीवन की संभाल सड़क पर जब भी निकलो रखो ट्रैफिक नियमों का ख़्याल बाईक ड्राईव करते समय हेलमेट जरूर पहन लीजिए सड़क नियमो का पालन कर बचाइए बेगुनाहो की जान सड़क पर चलने की अगर आ गई आपको होश्यारी सड़क दुर्घटना से […]

शांतचित सदा रहा कीजिए मन को न भटकाया कीजिए मस्तिष्क खाली न रहे कभी सद्चिन्तन करते रहो सभी व्यर्थ बातो से सदा दूर रहो नही किसी से द्वेष करो सदगुणों का समावेश करो चरित्र का अपने निर्माण करो व्यसन विकार मिटा दो सभी गैर को अपना बना लो अभी सबको […]

प्यार,भाईचारा बना रहे हर कोई अपना सगा रहे नही किसी से नफरत हो ऐसा सदभाव बना रहे दुःख सुख मे भागीदार हो एक दूसरे के मददगार हो अपनत्व एक मिशाल हो ऐसा अपना हिन्दुस्तान हो सबके सब धर्मानुयायी रहे सहिष्णुता जग मे फैलाते रहे अहिंसा जीवन आधार रहे शाकाहार सबका […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।