इक तुम्ही पर हक जताते रहें है ख्यालो में लाकर मुस्कुराते रहें है बंद आँखों से भी नजर आते हो इस  कदर  दिल मे  बसाते रहें है तुम हमे अपना मानों या न मानों हाले  दिल  तुम्ही से बताते रहें है मुक़म्मल  हो  गई है  मेरी  गजलें ख्वाबों  में भी  […]

वीरों का सम्मान करेंगे वतन पे अभिमान करेंगे झुक ना पाए अपना तिरंगा माँ भारती का गुणगान करेंगे जोश जुनून से सजा रहेगा ऐसा नया हिंदुस्तान करेंगे शहीदों ने  कुर्बानी  दी  है शीश झुकाकर मान करेंगे हम हिन्द पर जीने मरने वाले हिंदुस्तानी  पहचान  करेंगे कायर दुश्मन को मारेंगे चुन […]

सेना ने हमारी बुरा हाल कर दिया होली से पहले ही गुलाल कर दिया सबक है सिखाया पाकिस्तान को घर मे घुसके मारा कमाल कर दिया बाज तो आजा हरकत से अपनी जमीन देख ले अपनी,लाल कर दिया हम हिंदुस्तानी  मना रहे  जश्न  है हिल गया पाक, भूचाल कर दिया […]

मुस्कुराने के फिर बहाने मिल गए दोस्त  मेरे  सब  पुराने  मिल  गए खुद को  ही  मैं  बहलाने  लगा हूँ मेरे लबों को वो तराने  मिल  गए सुना दो कभी वो दिलो की दास्तां यू लगा जैसे गुजरे जमाने मिल गए सूनी थी गलियां और मन था उदास ख्वाब आँखों को […]

आपस मे प्यार ही प्यार  हो      एक दूजे के सब मददगार हो  जाति,धर्म का न कोई भेद हो         सदभावना सद्व्यवहार हो मेरे चनम में हो अमन शांति     खुशियों के ही सब त्योहार हो है दुआएं मेरी मंजिल मिले       सपने […]

– मेरी चाहत पे मुझे नाज होने लगा है बहुत खूबसूरत अंदाज़ होने लगा है मुझे देखकर जो मुस्काने लगी हो ऐसे लग रहा कोई राज होने लगा है मोहब्बत भी तुमने कभी जताया नहीं कई दिनों बाद आगाज होने लगा है दिल की  बातें भला  क्यों  छुपाया साथी मेरा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।