हर बाधा का हल निकलेगा, आज नहीं तो कल निकलेगा। थककर सोया है जो सूरज, वो निश्चित ही कल निकलेगा। कलियाँ भी महकेंगी उस दिन, जिस दिन उनमें दल निकलेगा। कर्म करो नेकी का जग में, उसका मीठा फल निकलेगा। नाम बड़ा होगा जिस दिन भी, खोटा सिक्का चल निकलेगा। […]

१९९२ के अंत में भारत के इतिहास में एक ऐसी घटना घटी है जो पीढ़ियों तक याद की जाएगीl ६ दिसंबर १९९२ को अयोध्या के मुहल्ला राम कोट में तीन गुम्बदों वाला एक ढांचा हिन्दू समाज ने अपनी सामूहिक संगठित शक्ति और उपस्थिति के आधार पर केवल बांस–बल्लियों व अपने हाथों से मात्र ५घंटे में धराशाई कर दिया। विश्वभर […]

दुनिया में भौतिक उन्नति के नित नए कीर्तिमान स्थापित हो रहे हैंl व्यक्ति जहां चन्द्रमा से बहुत ऊपर तक पहुँच गया है,वहीं समुद्र तल की गहराइयों की सीमाओं को भी लांघ चुका हैl तकनीक के माध्यम से घर बैठे सफलतापूर्वक ड्रोन हमले संभव हुए हैं,तो व्यक्ति विकास के नित-नए साधनों […]

दूसरों  का   जो  आसरा   होगा, तो नहीं ख़ुद का भी भला होगा। दूसरों   को   जो   तू    गिराएगा, कल को तू भी  यहाँ गिरा होगा। हौंसला  तब  ही  साथ  देता  है, जब कड़ा  कोई  फ़ैसला होगा। जब करोगे सनम  शुरू चलना, तब  सुलभ  तेरा  रास्ता […]

  दास्ताँ  दर्दे   दिल  की सुनाते  रहे। वो  हमें   देखकर   मुस्कराते  रहे। टूटकर के बिखरने से क्या फायदा। ये  गलत है  उन्हें हम सिखाते  रहे। जब कभी देखा गम़गीन मैंने उन्हें। आँख  में अश्क अपने  छुपाते रहे। हम शिकायत करें भी तो किससे करें। जब  खुदा खुद […]

सोचता हूँ अक्सर मैं यही कि, तुम्हारा मिलना इत्तफ़ाक़ था या फिर कोई हसीं ख़्वाब… जो एक पल के लिए क़रीब आई और फिर उम्र भर के लिए तुम चली भी गई,प्यार की उमंग दिल के कोने में जगाकर। अब पूछता रहता हूँ मैं ख़ुद से, कि अगर तुम्हें चले […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।