आज कल एक नई फैशन और नई सोच समाज में तेजी से बढ़ रही है ।जहां शिक्षित वर्ग इसका अनुसरण करते नजर आ रहे हैं, वहीं पुरातन वादी सोच के व्यक्ति इसका विरोध भी कर रहे हैं। क्या आप सभी में से किसी ने कभी सोचा है कि हम साथ […]

फर्ज करिए कि एक ऐसी प्रयोगशाला बना ली जाए जो हवा में तैरते हुए शब्दों को पकड़कर एक कंटेनर में बंद कर दे, फिर भौतिकशास्त्रीय विधि से  उसका घनत्वीकरण कर ठोस पदार्थ में बदल दिया जाए तो उसका स्वरूप और उसकी ताकत क्या होगी? सृष्टि का ये नियम है कि […]

सुबह के अख़बार से लेकर रात के समाचार तक, पूरे दिन में एक ना एक बार एक शब्द कानों में सुनाई पड़ ही जाता है – धर्मान्तरण।  देश के हर कोने से एकाध जगह  सुनाई दे ही जाता है कि फलां फलां जगह इतने लोगों ने अपना धरम परिवर्तन किया। […]

जब भी हम किसी किन्नर को देखते हैं तो अचानक से हमें ऐसा क्यों लगता है कि ये किसी दूसरे गृह से आये हुए हैं | ये हमारे समाज का हिस्सा नहीं हैं | लोग किन्नरों को अलग नजरों से क्यों देखते हैं? यह सोचने, मनन करने योग्य विषय है […]

          प्रिय बहिन,शुभाशीष। तुम्हारे पत्र से समाचार जान कर प्रसन्न भी हूँ और अचम्भित भी। तुम निज परिवार व परिजनों के साथ समायोजित और प्रसन्न हो,और होना भी तो चाहिए। अचम्भित इसलिए हूँ कि इधर मेरे/हमारे परिवार ,परिजन, माता पिता बच्चा,बिटिया सभी का खयाल और चिंता […]

आज कल हमारे समाज में पश्चिमी सभ्यता का बहुत बड़ा बोला बाला है / जिसके कारण हमारी संस्कृति और संस्कारो का तो एक दम से समपट सुआहा हो रहा है / हर चीज एक तरफ ही चल रही है / आप हमें दो, परन्तु वो ही आप हम से मत […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।