परिचय : रमेश दास वैरागी सेवानिवृत्त कनिष्ठ लेखा अधिकारी हैं जो आदिवासी विकास विभाग(झाबुआ) में कार्यरत थे।
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नदी किनारे गांव रे,
खूब चलाओ नाव रे
देखो भैया,
भौंरे गुन-गुन करते
देखो बहना,
रंग-बिरंगे फूल खिलते
पक्षी बैठे,पेड़ की छांव,
करते चांव-चांव रे
नदी किनारे….।
कोयल कूहूँ-कूहूँ गाती,
तितलियाँ फर्र-फर्र आती
कौवें करते,कावं-कावं रे,
नदी किनारे….।
टन-टन घंटी बज गई,
अब चलो,शाला लग गई
जल्दी उठाओ,पावं रे,
नदी किनारे….।
चम-चम जुगनू चमके,
टर्र-टर्र मेंढक बोले
ठावं-ठावं रे,
नदी किनारे गावं रे
खूब चलाओ नाव रे|
आर.डी.वैरागी