जब भी हमें यकीन हुआ
किसी की वफा पर ,
उसने हमारा विश्वास तोड़ा ज़रूर है।
जब भी हमें लगा,अब जिंदगी़ की बाज़ी हारने वाले हैं,
अचानक जीत जाते हैं।
जहां हमें लगता है,यह रिश्ता
हमेशा साथ देगा,
वही हाथ छोड़ जाता है।
जिसकी वजह से हम खुशी
महसूस करते हैं,
वही दुखों का सबब बन जाता है।
जब हम सोचने लगे,नफरतों का
दौर अब खत्म नहीं होगा,
किसी का प्यार मचल जाता है।
जब भी हमें लगा,गमों का दौर
अब खत्म हुआ,
आने वाली सुबह ज़ख्म दे जाती है।
जब हम सोचते हैं,थक गए सो जाएं,
सूरज निकल आता है,
हममें नया जोश भर जाता है।
यही तो जीवन है दोस्तों,जो सोचते
हैं वह कभी नहीं होता,
वही होता है जो जिंदगी चाहती है।
कुदरत के खेल भी निराले होते हैं,
हम सोचते कुछ और हैं,
कुदरत सोचती कुछ और है।
हर तजुर्बा आखरी नहीं होता,
जिंदगी को राहत देने के लिए,
एक मध्य़ांतर होता है।
#ज़रीना बोहरा