प्रकृति प्यारी

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बड़ होता बड़ा, पीपल देती शीतल छाया
नीम करता हवा शुद्ध आँवला औषधियुक्त।

बबूल दंत की औषधि वेर खजूर मधूर
तार  का  बुलंद  हौसला छूती गगन ।।

आम,   लीची,  कटहल  तो देते वृद्धि
देश विदेश सैर कर  लाते है  समृद्धि।।

औषधियों  से  भरा हरे  भरे घनघोर वन
इनके छाल,पत्ते जड़ और फल संवारे तन।

इनसे सुरभित है जीवन हमारा
इनका सदा ख्याल रखना धर्म तुम्हारा।

इनके वजूद पर टिका हुआ है
मानव अस्तित्व तुम्हारा।

कंचन काया की है यह वरदान
पेड़ पौधे रहे भरे घनघोर समान।

मानव की दानवता से कटते वृक्ष
छोड़ो दानवता और लगाओ वृक्ष।

हिमखंड की पिघलने की रफ्तार
संकट के बादल प्रकृति का वार।

असमय वारिस बदलते मौसम
सब तो है प्रकृति का प्रकोप।

इन सबसे बचने का तो एक उपाय
पेड़ लगाओ साफ रखो घर द्वार।।

धरती कहती हमसे चीख चीख कर
रोको रासायनिक प्रयोग ।

लुप्त हो जाऊँ मै भी ये अचरज नही
अगर ऐसे ही होते रहे मुझपर प्रयोग।।

धुआँ धुआँ सा गहरा लगता क्यूँ है?
प्रदूषण का पहरा इतना गहरा क्यूँ है?

फटे हाल सा हवा पानी चिथरा चिथरा
दम घुँटता सा शहर दर शहर विखरा विखरा।

ऐसे तो पूर्वजो ने विरासत दी तो न थी
बना डाला कैसा संभालने की तरकीब न थी।

                                       आशुतोष
                                    पटना बिहार

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।