शिक्षा भारत की नींव

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शिक्षा हम सभी के जीवन में बहुत ही महत्त्व रखती है। आज समाज को शिक्षा के लिए जागरुक करना हम सबका कर्त्तव्य है क्योंकि शिक्षा ही है जो समाज से अन्धविश्वास और अंधकार को दूर करती है और समाज से बुराई को ख़त्म करती है। एक शिक्षित व्यक्ति ही शिक्षित समाज का निर्माण करता है और शिक्षित समाज ही शिक्षित देश का निर्माण करता है। जो देश शिक्षित हैं वही देश–दुनिया में सबसे आगे बढ़ते हैं। किसी भी व्यक्ति के कामयाब होने में शिक्षा का बहुत ही महत्त्वपूर्ण योगदान होता है। शिक्षा से ही मनुष्य के व्यक्तित्व का निर्माण होता है। शिक्षा से ही मनुष्य के जीवन में सकरात्मक विचार जन्म लेते हैं जो समाज को उन्नति की ओर ले जाते हैं। 21वीं सदी होने के बावजूद आज भी हमारे भारत देश में ऐसे पिछड़े वर्ग के लोग हैं जो शिक्षा को बिल्कुल भी महत्त्व नहीं देते हैं। आज भी हमारे देश में कई ऐसे पिछड़े वर्ग के लोग रहते हैं जहाँ लड़कियों को पढ़ाया ही नहीं जाता है। यह हम सब का कर्त्तव्य है कि हम ऐसे लोगो में शिक्षा के महत्त्व की भावना को जगाएँ जिससे हमारे देश का विकास हो, जिसकी सहायता से हम लोगों को शिक्षा के लिए जागरुक कर सकते हैं। शिक्षा से ही मनुष्य ज्ञान की ओर अग्रसर होता है, वैचारिक और बौद्धिक क्षमता की वृद्धि करता है। शिक्षा के बिना एक अच्छे जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है, शिक्षा के बिना हमारा जीवन ही अधूरा है। आज के इस दौर में, चाहे लड़का हो या लड़की, सभी को शिक्षा मिलनी चाहिए। ऐसे पिछड़े इलाके जहाँ लड़कियों को आज भी शिक्षा से वंचित रखा जाता है इसी को ध्यान में रखते हुए भारत में शिक्षा अभियान चलाया गया है। शिक्षा जीवन की सफलता का मूल आधार है। शिक्षा ही मनुष्य के अन्दर चीज़ों को समझने, सीखने और जानने की क्षमता विकसित करती है।

#अंकित तिवारी,

राष्ट्रीय छात्र परिषद्
महानगर अध्यक्ष इन्दौर

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।