शिक्षा हम सभी के जीवन में बहुत ही महत्त्व रखती है। आज समाज को शिक्षा के लिए जागरुक करना हम सबका कर्त्तव्य है क्योंकि शिक्षा ही है जो समाज से अन्धविश्वास और अंधकार को दूर करती है और समाज से बुराई को ख़त्म करती है। एक शिक्षित व्यक्ति ही शिक्षित समाज का निर्माण करता है और शिक्षित समाज ही शिक्षित देश का निर्माण करता है। जो देश शिक्षित हैं वही देश–दुनिया में सबसे आगे बढ़ते हैं। किसी भी व्यक्ति के कामयाब होने में शिक्षा का बहुत ही महत्त्वपूर्ण योगदान होता है। शिक्षा से ही मनुष्य के व्यक्तित्व का निर्माण होता है। शिक्षा से ही मनुष्य के जीवन में सकरात्मक विचार जन्म लेते हैं जो समाज को उन्नति की ओर ले जाते हैं। 21वीं सदी होने के बावजूद आज भी हमारे भारत देश में ऐसे पिछड़े वर्ग के लोग हैं जो शिक्षा को बिल्कुल भी महत्त्व नहीं देते हैं। आज भी हमारे देश में कई ऐसे पिछड़े वर्ग के लोग रहते हैं जहाँ लड़कियों को पढ़ाया ही नहीं जाता है। यह हम सब का कर्त्तव्य है कि हम ऐसे लोगो में शिक्षा के महत्त्व की भावना को जगाएँ जिससे हमारे देश का विकास हो, जिसकी सहायता से हम लोगों को शिक्षा के लिए जागरुक कर सकते हैं। शिक्षा से ही मनुष्य ज्ञान की ओर अग्रसर होता है, वैचारिक और बौद्धिक क्षमता की वृद्धि करता है। शिक्षा के बिना एक अच्छे जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है, शिक्षा के बिना हमारा जीवन ही अधूरा है। आज के इस दौर में, चाहे लड़का हो या लड़की, सभी को शिक्षा मिलनी चाहिए। ऐसे पिछड़े इलाके जहाँ लड़कियों को आज भी शिक्षा से वंचित रखा जाता है इसी को ध्यान में रखते हुए भारत में शिक्षा अभियान चलाया गया है। शिक्षा जीवन की सफलता का मूल आधार है। शिक्षा ही मनुष्य के अन्दर चीज़ों को समझने, सीखने और जानने की क्षमता विकसित करती है।
#अंकित तिवारी,
राष्ट्रीय छात्र परिषद्
महानगर अध्यक्ष इन्दौर