● मुकेश तिवारी, इन्दौर
गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले एक विश्लेषण सुन रहा था। विश्लेषक कह रहे थे – गुजरात के चुनाव नतीजे क्या आते हैं इस पर देश ही नहीं दुनिया भर की निगाहें लगी हुई हैं। इन नतीजों के बाद 2024 के आम चुनाव में क्या तस्वीर उभर सकती है इसकी प्रारंभिक झलक दिख जाएगी। विश्लेषकों का यह विश्लेषण साफ इंगित कर रहा था कि गुजरात के चुनाव नतीजे कितने महत्वपूर्ण हैं।
कल गुजरात के नतीजे आ गये और यह तब आये हैं जब नये साल यानि 2023 की शुरुआत में कुछ ही दिन बाकी हैं। 2023 से 2024 के बीच की दूरी 365 दिन की है। साल 2024 के मध्य में देश में आम चुनाव होना है। इससे पहले 2023 के आखिर में मध्यप्रदेश सहित कई बड़े राज्यों में विधानसभा चुनाव होंगे। गुजरात में 182 में से 156 सीट पर कमल खिलाकर भारतीय जनता पार्टी ने मानो बता दिया है कि 2024 को लेकर उसने क्या और कैसी तैयारी कर रखी है। गुजरात में 151 के शगुन के आंकड़े को भी पार कर भाजपा का जीतना पार्टी के लिये शुभ और सुखद संकेत है।
इन नतीजों ने भाजपा के विरोधियों को करारा जवाब दिया है। इनमें इकाई और दहाई के आंकड़े में सिमटी सीटें लेकर आये विपक्षी दल के साथ ही वह राजनीतिक पंडित और विश्लेषक भी शामिल हैं जो नतीजों के एक दिन पहले तक आंकड़ों की बाजीगरी से यह साबित करने में जुटे थे कि मोदी का जादू अब वैसा नहीं रहा। ज्यादातर एग्जिट पोल जितनी सीटें दे रहे हैं उतनी आने वाली नहीं है। भाजपा बहुमत के नजदीक जाएगी या थोड़ा ऊपर। जब नतीजे आये तो भाजपा इनके सारे अनुमान को धत्ता बताते हुए बहुमत के आंकड़े के साथ ही 150 के आंकड़े को भी पार कर गई है।
देश में कुछ लोग देश का मिजाज और मूड क्या है इस पर बात करने के लिये रोज स्क्रीन पर हाजिर तो हो जाते हैं पर वह मूड ठीक से भांप नहीं पाते हैं। इसकी वजह है उनके चश्मे से भाजपा, भगवा और कमल नजर ही नहीं आता। और जब-जब गुजरात जैसे नतीजे आते हैं देश का मूड अच्छा होता है ज्यादातर लोगों का चेहरा कमल की तरह खिल जाता है इनका मूड बिगड़ जाता है और चेहरा मुरझा जाता है।
एक बात और जो पार्टी बुरी तरह हार रही हो उसका बचाव करने के लिए नतीजे वाले दिन न्यूज चैनल पर आना बहुत साहस का काम होता है। कल एक नेताजी ऐसा ही साहस करते तेजतर्रार एंकर से उलझ गये। फिर क्या एंकर ने मोदी-शाह की गुजरात में की मेहनत (सभा,रैली, रोड शो ) की आंकड़ों में बयानगी कर कह डाला ऐसी मेहनत कीजिए सर। यह मेहनत का नतीजा है।
गुजरात की जीत की खुशी पर मिठाई खाते-खिलाते वक्त भाजपा नेताओं के जेहन में हिमाचल की हार का ख्याल जरूर आया होगा। नड्डा जी पता नहीं क्यों मोदी-शाह की तरह अपने गृह प्रदेश में कमल की बंपर फसल ना ला पाए। पहाड़ पर कांग्रेस की जीत ने पार्टी को उत्साह से भर दिया होगा। मैनपुरी सीट सहित कुछ सीटों पर उपचुनाव में गैर भाजपाई दलों की जीत रेखांकित करने वाली है। उत्तरप्रदेश की रामपुर खास सीट पर और बिहार में विधानसभा उपचुनाव में भाजपा की जीत को खास माना जाना चाहिए।
चलते-चलते बस इतना ही कि विश्लेषक गुजरात के नतीजों में अगर 2024 की तनिक भी झलक देख रहे हैं या आहट पा रहे हैं, इसे बड़े संकल्प का आरंभ मान रहे हैं तो यह आरंभ.. प्रचंड है। बाकी काल के गर्त में छिपा है, मैं कोई भविष्य का जानकार तो हूं नहीं।
मुकेश तिवारी,
वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक,
इन्दौर
परिचय:-
जन्म – इंदौर (मप्र)
लेखन यात्रा – करीब तीन दशक से लगातार लेखन। स्कूल जीवन से लेखन की शुरुआत। काॅलेज की वार्षिक पत्रिका की संपादन टीम का हिस्सा। समाचार-पत्रों में पत्र से लेकर अनेक लेख, आलेख, मुख्य खबर, साक्षात्कार और अब लघुकथाओं का लेखन। यूट्यूब चैनल से लघुकथाओं का प्रसारण। टीवी चैनलों पर राजनीतिक और अन्य विषयों पर चर्चाकार के रूप में आमंत्रित।
दायित्व – दैनिक जागरण, नईदुनिया, पत्रिका, राज एक्सप्रेस, प्रभात किरण, दैनिक स्वदेश समाचार पत्र इंदौर में विभिन्न दायित्वों का निर्वहन किया। नईदुनिया, उज्जैन के ब्यूरो प्रमुख और
वेब पोर्टल घमासान डॉट कॉम में संपादक के रूप में काम किया। विचार प्रवाह साहित्य मंच, इंदौर के संस्थापक सदस्य और संयोजक का दायित्व । वरिष्ठ शिक्षक और लेखक डाॅक्टर एस. एन. तिवारी स्मृति समिति के राष्ट्रीय संयोजक का दायित्व।
उपलब्धियां – वरिष्ठ पत्रकार श्री राजेंद्र माथुर स्मृति रिपोर्टिंग स्पर्धा में पुरस्कार। संस्था मातृभूमि, इंदौर द्वारा श्रेष्ठ पत्रकारिता के लिये सम्मान। हिंद मालवा क्लब द्वारा महा-बजरबट्टू सम्मान। परशुराम महासभा इंदौर द्वारा सम्मान। नेशनल यूथ सोशल अकादमी इंदौर द्वारा उच्च शिक्षा क्षेत्र में श्रेष्ठ रिपोर्टिंग के लिए सम्मान। पुस्तकालय संघ इंदौर संभाग द्वारा लघुकथा संग्रह प्रथम पुष्प के प्रकाशन पर सम्मान। साहित्य के क्षेत्र में सक्रिय योगदान के लिए उत्तर प्रदेश के शिकोहाबाद में मिला सेवा रत्न सम्मान। इंदौर प्रेस क्लब और मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा साहित्य मनीषी सम्मान। हाइकु विधा के दूसरे राष्ट्रीय अधिवेशन, आगरा (उप्र) में साहित्य श्री सम्मान। मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा हिंदी गौरव अलंकरण के अवसर पर हिंदी योद्धा सम्मान। बिसौली (बदायूं, उप्र) में अंतरराष्ट्रीय हिन्दी सम्मान समारोह में माधवी फाउंडेशन द्वारा माधवी मनीषी सम्मान, केबी हिन्दी न्यास द्वारा हिन्दी आराधक सम्मान।
प्रकाशित पुस्तकें –
लघुकथा संग्रह – प्रथम पुष्प, आम के पत्ते ।
सहभागिता – राष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित लघुकथा संग्रह – कारवां, काफिला, क्षितिज, प्रवाह आदि में।