हालातो ने इंसानो को
क्या कुछ दिखा दिया।
की लोग तड़पने लगे
अपनो से मिलने के लिए।
क्योंकि अब भरोसा नहीं है
उसे खुद की जिंदगी का।
इसलिए बची हुई जिंदगी को
अपनो के साथ जीना चाह रहा।
कितना स्वर्थी है ये इंसान
जब मौज मस्ती का दौर था।
तब अकेला अपनी बीबी
बच्चों के साथ मौज किया।
और अपनो के लिए एक
बेगाना सा बन गया था।
और छोड़कर परिजनों को
खुदके लिए जिये जा रहा था।।
कैसा खेल उस ईश्वर ने
संसार में खेला।
जिसे कारण सब कुछ
दुनियाँ का बिखर गया।
और जो जहाँ था वो वही
रुक गया तो बच गया।
और अपने पराये वाली
सोच को वो भूल गया।।
और मरी हुए जमीर को
फिर से जगा लिया।।
जय जिनेंद्र देव
संजय जैन मुंबई