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कर ले अच्छा काम प्यारे
वर्ना फिर पछतायेगा प्यारे
मुठ्ठी मे रेत की तरह समय
हाथ से फिसल जायेगा प्यारे
स्वार्थ मे लिपटे अपने तुम्हारे
कभी काम न आएंगे प्यारे
आएगी तेरे जाने की बारी
अकेला ही तू जायेगा प्यारे
जिनको अपना समझ रहा है
वे ही पांचो विकार है प्यारे
इनसे मुक्त हो विदेही बन जा
तभी पावन बन पायेगा प्यारे।
#श्रीगोपाल नारसन
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