एक नम्र निवेदन है मोदी जी तुमको।
न आगे बढ़ाना इस लॉक डाउन को।।
बन्द पड़े हैं अब सब उद्योग धंधे,
चौपट हो गए हैं सब काम धंधे।
घर में सब लोग बन्द पड़े हुए हैं,
बोरियत के अंबार अब लगे हुए हैं
अब खोलो मोदी जी इन सबको,
एक नम्र निवेदन है मोदी जी तुमको।।
लगभग सब मज़दूर घर पहुंच चुके हैं,
अपनी रोजी रोटी अब खो चुके हैं।
चारो तरफ हाहाकार मचा हुआ है,
बेरोजगारी का अंबार लगा हुआ है।
दे दो रोजगार अब इनको सबको,
एक नम्र निवेदन है मोदी जी तुमको।।
सारी शिक्षा संस्थाएं बन्द पड़ी है,
अशिक्षा अब मुंह बाये खड़ी है।
शिक्षा के खोलो तो सब ये द्वार,
अशिक्षा का मिट जाए ये अंधकार
माँ सरस्वती कह रही है ये तुमको,
एक नम्र निवेदन है मोदी जी तुमको।।
तुमने ही दिया था नारा जान जहान का,
क्यो फूट रहा भाग्य भारत महान का।
कैसे भारत सोने की चिड़िया बन पाएगा
जब सारा भारत बेरोजगार हो जाएगा।
इन समस्याओं का निबटारा करना है तुमको,
एक नम्र निवेदन है मोदी जी तुमको।।
किया था पालन जनता ने तुम्हारे आदेशों का,
अब पालन करो जनता के आदेशों का ।
मिल जाए कुछ राहत ऐसे आदेश दीजिए,
हो जाए जन जन खुश उनका आशीर्वाद लीजिए।
सुना है तुम आगे बढ़ा रहे लॉक डाउन को,
न आगे बढ़ाना अब इस लॉक डाउन को।
एक नम्र निवेदन है मोदी जी तुमको।।
आर के रस्तोगी
गुरुग्राम