उठता हूँ मै रोज सबेरें पत्नि देर तक सोती है |
मै चाय बनाता हूँ,वह उठ कर चाय पी लेती है ||
घर पर बैठे रहते है,कुछ भी काम नहीं करते है |
झाडू पोछा करता हूँ,उसे ये काम नहीं लगते है ||
धोता हूँ सारे कपड़े,पत्नि जरा नल खोल देती है |
फैलाता हूँ छत पर कपड़े,वह आदेश देती रहती है||
बनाता हूँ घर का खाना,वह चकला बेलन धोती है |
नहीं बनाऊ घर का खाना,वह बेलन दिखा देती है ||
आया है जब से कोरोना,घर तो हमारा, दफ्तर हो गया |
पत्नि बनी है मेरी अफसर,चपरासी उसका मै हो गया ||
इस कोरोना के कारण मेरी तो ऐसी तैसी हो गयी |
उल्टा हो गया यह रिश्ता,पत्नि मेरी पति हो गयी ||
आर के रस्तोगी
गुरुग्राम