ज़िन्दा मेरे वजूद की कहानी लगे मुझे
उनके बगैर जिंदगी भी बेमानी लगे मुझे।
उनकी मोहबतो के ही दम जीये मगर,
गम दीदा ख्वाइशों की जुबानी लगे मुझे ।
दिलकी तडप ने पहोचाया उस मकाम पर,
मिलने की ही उमीद पे रूहानी लगे मुझे।
मेरा नसीब खींचके वहीं लाया तेरी तरफ,
बिमारे जांबलब की ही निशानी लगे मुझे।
मासूम बने सहारे का युं हमें आसरा मिला,
हर तरहा से ही तेरी मेरी कहानी लगे मुझे ।
#आकिब जावेद
परिचय :
नाम-. मो.आकिब जावेदसाहित्यिक उपनाम-आकिबवर्तमान पता-बाँदा उत्तर प्रदेशराज्य-उत्तर प्रदेशशहर-बाँदाशिक्षा-BCA,MA,BTCकार्यक्षेत्र-शिक्षक,सामाजिक कार्यकर्ता,ब्लॉगर,कवि,लेखकविधा -कविता,श्रंगार रस,मुक्तक,ग़ज़ल,हाइकु, लघु कहानीलेखन का उद्देश्य-समाज में अपनी बात को रचनाओं के माध्यम से रखना