नयन

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chaganlal garg
वृहद स्वप्न ले उड़ती पाँखे !
देखी है मैंने वे आँखें !!
संमोहन जादू से लज्जित !
निखरे नित नीरज हो विकसित !
नेह भरी अनुराग पल्लवित !
डूबा जग मधुप भीर अतुलित !
काजल रेख रसायन चाखे !
देखी है मैंने वे आँखें !!
इनमें न रंज का चिन्ह शेष !
हर्ष लिप्त चंचल सलिल लेश!
प्रवर नेह चित चाहे प्रवेश !
सौरभ का नव मधुर संदेश !
नैन नशीली भीगी पाँखे !
देखी है मैंने वे आँखें !!
नही अनजान सबकुछ जाना !
मनहर चितवन को पहचाना !
पावन कोमल पंकज माना !
चेतन जड़ है कबूतर खाना !
सोच जरा मन टूटी पाँखे
देखी है मैंने वे आँखें !!
#छगन लाल गर्ग विज्ञ
 
परिचय-
छगन लाल गर्ग “विज्ञ”! 
जन्मतिथि :13 अप्रैल  1954 
जन्म स्थान :गांव -जीरावल तहसील – रेवदर जिला – सिरोही  (राजस्थान ) 
पिता : श्री विष्णु राम जी 
शिक्षा  : स्नातकोतर  (हिन्दी साहित्य ) 
राजकीय सेवा :  नियुक्ति तिथि 21/9/1978 (प्रधानाचार्य, माध्यमिक शिक्षा विभाग, राजस्थान ) 
30 अप्रैल  2014 को राजकीय सेवा से निवृत्त । 
प्रकाशित पुस्तके :  “क्षण बोध ” काव्य संग्रह गाथा पब्लिकेशन,  लखनऊ  ( उ,प्र) 
“मदांध मन” काव्य संग्रह,  उत्कर्ष प्रकाशन,  मेरठ (उ,प्र) 
“रंजन रस” काव्य संग्रह,  उत्कर्ष प्रकाशन,  मेरठ (उ,प्र) 
“अंतिम पृष्ठ” काव्य संग्रह,  अंजुमन प्रकाशन,  इलाहाबाद  (उ,प्र) 
“तथाता” छंद काव्य संग्रह, उत्कर्ष प्रकाशन, मेरठ (उ.प्र.) 
“विज्ञ विनोद ” कुंडलियाँ संग्रह , उत्कर्ष प्रकाशन मेरठ (उ.प्र. ) । 
“विज्ञ छंद साधना” काव्य संग्रह, उत्कर्ष प्रकाशन!
साझा काव्य संग्रह – लगभग २५
सम्मान : विद्या वाचस्पति डाक्टरेट मानद उपाधि, साहित्य संगम संस्थान नईं दिल्ली द्वारा! विभिन्न साहित्यिक मंचो से लगभग सौ से डेढ सो के आस-पास! 
वर्तमान मे: बाल स्वास्थ्य  एवं निर्धन दलित बालिका शिक्षा मे सक्रिय सेवा कार्य ।अनेकानेक साहित्य पत्र पत्रिकाओ व समाचार पत्रों में कविता व आलेख प्रकाशित।
वर्तमान पता : सिरोही (राजस्थान )

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