गुरुपूर्णिमा पर्व के अवसर पर सम्मानित हुए कलम-कला साधक 

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आगरा |
विश्वशांति मानव सेवा समिति के कार्यालय में बृजलोक साहित्य – कला – संस्कृति अकादमी के सौजन्य से देशभर के साहित्यकारों, कलाकारों, पत्रकारों को सम्मानित किया गया | उपर्युक्त कार्यक्रम गुरुपूर्णिमा पर्व के पावन अवसर पर आयोजित किया गया | उक्त कार्यक्रम में मुख्यरूप से जयकिशन सिंह एकलव्य को उनकी कलम साधना के लिए साहित्य साधक सम्मान उपाधि से सम्मानित किया गया | इस अवसर पर जिन अन्य महानुभावों को सम्मानित किया गया वे हैं –
राहुल सिंह (मुंबई – महाराष्ट्र), रेशमा शेख (मुंबई – महाराष्ट्र), दिव्या कुमारी जैन (चित्तौड़गढ़ – राजस्थान), एस. डी. ओमी प्रताप (वाराणसी – उ. प्र.), डॉ. राजेन्द्र श्रीवास्तव (फैजाबाद – उ. प्र.), भेरूलाल जैन (कलकत्ता – पं. बंगाल), सनातन कुमार वाजपेयी सनातन (जबलपुर – म. प्र.), बादल प्रयागवासी (प्रयागराज – उ. प्र.), शिव बक्श सागर प्रजापति (फैजाबाद – उ. प्र.), चित्रकार खलीक अहमद खाँ (फैजाबाद – उ. प्र.), सुनील कुमार दिवाकर (लखनऊ – उ. प्र.), शाह आलम (जालौन – उ. प्र.), आचार्य शीलक राम (रोहतक – हरियाणा), सी. एल. दीवाना हिन्दुस्तानी (रीवा – म. प्र.), श्रीमती आभा गुप्ता इन्दौरी (रीवा – म. प्र.), शंकर लाल माहेश्वरी (भीलवाडा – राजस्थान), गौरीशंकर वैश्य विनम्र (लखनऊ – उ. प्र.), आफताब आलम (मुंबई – महाराष्ट्र) आदि |
गौरतलब है कि बृजलोक अकादमी अपनी सहयोगी संस्थाओं के संयुक्त बैनर तले सालभर में चार बार इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करती है | ये अवसर हैं मकर संक्रांति, होली, गुरूपूर्णिमा और दीपावली | अगला आयोजन दीपावली पर होगा | इस हेतु देशभर से साहित्यकार, कलाकार, पत्रकार अपनी प्रविष्टियां पूर्णतः निशुल्क भिजवा सकते हैं |
सभी उपस्थित महानुभावों का आभार माना मुकेश कुमार ऋषि वर्मा ने और अपनी उपस्थिति दर्ज करायी मोहर सिंह निषाद, राकेश वर्मा, अवधेश कुमार, राजकुमार, प्रीतम, राहुल आदि ने |
#मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।