गुरु

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vikram kumar

गुरु अगर न होते तो जग में राहें चुनना मुश्किल था

गुरु न होते तो अर्जुन का अर्जुन बनना मुश्किल था
गुरु के जैसा शुभचिंतक और न कोई दूजा है
गुरवर के पावन चरणों को ईश्वर ने भी पूजा है
शास्त्रों ने महिमा गाई है वेदों ने मान बढ़ाया है
गुरु ने हरदम इस दुनिया को सच्चा मार्ग दिखाया है
गुरुकृपा से ही नरेंद्र ने दुनिया का रग रग जीत लिया
गुरु से ही बना सिकंदर जिसने ये जग जीत लिया
गुरु के बूते ही लोगों के गौरवशाली इतिहास हुए
गुरु से ही शिक्षा पाई तो अनपढ़ भी कालीदास हुए
गुरुओं की महिमा इस जग में जितना गाएं उतना कम है
गुरु ज्ञान और नैतिकता की धार बहाता संगम है
गुरु के त्याग और निस्वार्थ भाव को इस दुनिया का ध्यान मिले
मेरी ईच्छा है गुरुओं को सदा आदर सम्मान मिले
गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु बस कहने से नहीं होगा
मान रखें हम गुरुओं का तब कल्याण सही होगा
अगर गुरु का मान घटे तो वह ईश्वर से छल होगा
अगर गुरु हमसे खुश हों तो कर्मों का मीठा फल होगा
जिस दिन हम सौगंध उठा लें सहर्ष गुरु की भक्ति का
उस दिन से ही अपना शिक्षक दिवस सफल होगा
गुरुकृपा न होती तो ये कविता भी सुनना मुश्किल था
गुरु न होते तो अर्जुन का अर्जुन बनना मुश्किल था
गुरु न होते तो अर्जुन का अर्जुन बनना मुश्किल था
विक्रम कुमार
मनोरा
वैशाली(बिहार)

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।