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जब भी तेरी याद आई तो मौसम बदला
सूरत तेरी नज़र आई तो मौसम बदला
घटाएं तो घनघोर छायी थी आसमां में
जब जुल्फ तेरी लहराई तो मौसम बदला
तूफान तो उठते ही रहे हर पर मोहबत के
हवाओं में तेरी महक आई तो मौसम बदला
जल रहे थे हम भी तो मोहबत की आग में
जिन्दगी में जब माशूक आई तो मौसम बदला
लहरें तो बहुत देखी हमने जमाने में ऐ ‘राज’
जब उसने चुनरी लहराई तो मौसम बदला
#अजीत ‘राज’
परिचय : अजीत राज
पता — बीकानेर, राजस्थान
सम्मान —-
नगर निगम द्वारा साहित्य सम्मान
नगर निगम द्वारा रंग सम्मान
बीकानेर थियेटर एसोसिएशन द्वारा रंग सम्मान
स्थानीय संस्थाओं द्वारा सम्मान
उत्तर भारतीय हिन्दी साहित्य परिषद, देहरादून द्वारा साहित्य रत्न सम्मान
अमृतधारा ऑर्गेनाइजेशन, जलगाँव द्वारा अमृतादित्य साहित्य सम्मान
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