शहीदो के चरणों में मेरे चारों धाम है*

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दौसा ।   
                        राष्ट्रीय कवि चौपाल,शाखा-दौसा के तत्वावधान में 20वीं काव्य गोष्ठी का आयोजन बजरंग मैदान स्थित सामुदायिक भवन में आदरणीय रामबाबू शर्मा की अध्यक्षता में हुआ।
                     संयोजक कवि कृष्ण कुमार सैनी”राज” ने बताया कि काव्य गोष्ठी में दौसा के वरिष्ठ साहित्यकार शिवचरण भण्डाना को  “राष्ट्रीय कवि चौपाल सम्मान और स्वर्ण पदक” से सम्मानित किया गया।
        इस कड़ी में दौसा के नवोदित युवा एवं वरिष्ठ साहित्यकार मौजूद थे।
अनुराग महावर”प्रेमी”लालसोट ने मेरे वतन के काम मेरा अस्थि पंजर आ जाए…..।
अलवर के सतीश गुर्जर ने अटल जी को याद करते हुए देश भक्ति रचना सुनाई….।
शिवचरण भण्डाना ने “मेरे देश के जवानों से तुम सबूत मंगवाते हो “…..।
कवि कृष्ण कुमार सैनी”राज” ने “शहीदों के चरणों में मेरे चारों धाम है”…..।
लालसोट के कुमार विजय राही ने “उनको तो दुनियादारी आती है,हमको तो बस रोना धोना आता है”….।
अशोक  शर्मा खेड़ला ने “हास्य मिमिक्री करते हुए “दिल में अब दर्दे मुहब्बत के सिवा कुछ भी नहीं…..।
संचालन कर रहे रामबाबू शर्मा”राजस्थानी ” ने “एक चिणगारी भी आग से कम नहीं होती…….।
मूलचंद पांचाल ने “इंसान ही इंसान को मार रहा है”…..।
काव्य गोष्ठी के बाद भारत रत्न एवं पूर्व प्रधानमंत्री आदरणीय अटल बिहारी जी वाजपेई के निधन पर 2 मिनट का मौन मिनट का मौन 2 मिनट का मौन 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इसमें पत्रकार कैलाश चंद सैनी,पत्रकार बबलू दैनिक भास्कर,मनीष शर्मा,रामजीलाल सैनी, लेखराज सैनी,कन्हैया लाल सैनी सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों एवं श्रोता मौजूद रहे।
#कृष्ण कुमार सैनी”राज”

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।