*आशा की किरण**

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asha gupta
   मुझे गुम हाे जाने दाे
  आशाआें के जंगल में ।
   वाे जंगल
  जहाॅं सूरज की किरणें
  पत्तियाें से छनकर
   आती हैं ..
  जाे दिखाता हैं रास्ता
 मेरे चलते हुए कदमाें काे
 मैं आतुर हाे जाती हूॅ
 बहुत सारी इक्छाआें काे
 मन में संजाेए .
  अपने आप काे
  पाने के लिये
 विश्वास आैर
उम्मीदाें के संग   !
 मेरे मन के कई
खंडित सपने
हैं मुझे भरमाते ।
 फिर भी मैं चलती हुॅं
काटाें का चुभन लिए
 उस जगह पर
पहुॅंचने काे
 आतुर है मन ।
आशाआें की
 किरणाें के संग
उस एक की खाेज में ।
#डाॅ आशा गुप्ता *श्रेया

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