भारतीय स्टेट बैंक ने ग्राहक सेवा को बेहतर जाना और हिन्दी की शक्ति को माना है,इसके लिए भारतीय स्टेट बैंक के प्रबंधन को बधाई देता हूँl हमारे एक मित्र जो,भारतीय स्टेट बैंक के ग्राहक हैं और पिछले काफी समय से यह माँग कर रहे हैं कि नेट बैंकिंग संबंधी तमाम […]
मातृभाषा
मातृभाषा
माँ के आंचल में लेकर किलकारी, बोलना सीखते अपनी मातृभाषा। जिसमें बुने जाते हैं मीठे-मीठे रिश्ते, पाकर जिसे पूरी हो हर अभिलाषा। बरगद-सी,अमराई-सी है मातृभाषा, फैली है हमारे अंदर इसकी आभा। समाज,परिवार,देश की मजबूती, गठबंधन बनाए रखती है मातृभाषा। बहुत दुखती है,हिन्दी की अंतरात्मा, जब हम शान से बोलते अंग्रेजी […]
स्पष्ट अभिव्यक्ति जब अपनी हो आशा, सबसे सुलभ,सशक्त,सुन्दर लगे मातृभाषा। गैर भारतीय भाषाएं बहुत ही भरमाएं, शब्द प्रचुर मिले न अभिव्यक्ति लड़खड़ाए । पठन-पाठन, जपन-छापन,अपूर्ण प्रत्याशा, अपनी संस्कृति न मिले, उड़ न सके आशा। किस्से, कहानी, कविता की भाषाएं खान हैं, विज्ञान,प्रौद्योगिकी का न अपना आसमान है। भारतीय प्रतिभाएं ही […]
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा हिन्दी और भारतीय भाषाओं की शोध पत्रिकाओं को सूची से बाहर कर देना अनुचित,अतार्किक और अव्यावहारिक निर्णय है। जब संविधान और राष्ट्र हिन्दी के साथ है,तो फिर आयोग को भारतीय भाषाओं से गुरेज क्यों है? अब समझ आया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग,यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन यूजीसी (यूजीसी ) […]
