प्रेम ईश्वरीय सत्ता द्वारा प्रदत्त वह सोपान है जिस पर सृष्टि की नींव खड़ी है भारतीय संस्कृति में इसे सर्वोपरि स्थान दिया गया है इस भावना के वशीकरण से बड़े से बड़ा कार्य आसानी से हल हो जाता है इसका अभाव विध्वंस को न्योता देता है भौतिक सुख साधन […]

मनुष्य का जब जन्म होता है तो वह प्रथम तीन से जुड़ता है। पहला स्थान माँ का है। माँ का वह अभिन्न अंग है,पिता  उसके लिए सूचना है और प्रसव के समय धाय से भी वह अज्ञात भाव से परिचित हो जाता है। इन तीनों से जुड़कर वह इस धरती पर लीला शुरू करता […]

हिमाचल प्रदेश को प्रकृति ने भरपूर प्राकृतिक सुन्दरता,स्वच्छ जल,जंगल,पहाड़,नदियों और स्वच्छ परिवेश से नवाजा है। यहां वर्ष पर्यन्त किसी-न-किसी क्षेत्र में मेलों का आयोजन भी होता रहता है। यहां के २ हजार से ज्यादा प्रमुख देवस्थलों पर लोग अपनी आस्था के पुष्प अर्पित करते हैं। यहां के मेलों में कुल्लू […]

पुस्तक समीक्षा………………… ये वक्त हिन्दी ग़ज़ल के लिए इस अर्थ में बेहतर है कि आज हिन्दी ग़ज़ल आलोचना के केन्द्र में भी हैं। ग़ज़ल पर आलोचना की जितनी किताबें आ रही हैं और पढ़ी जा रही हैं,ये इस बात का प्रमाण है कि हिन्दी ग़ज़ल हिन्दी कविता की महत्वपूर्ण विधा […]

हिंदी पटकथा लेखकों की इस प्रतियोगिता में जिसके निर्णायक मंडल में हिंदी फिल्मों के बड़े नाम जुड़े हुए हैं आमिर खान सहित रोमन लिपि की लगाई गई शर्त प्रतिभागियों के लिए,हिंदी के लिए और भाषा मात्र के लिए अपमानजनक है और बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। यह अवैध या असंवैधानिक तो नहीं […]

शायद आप अभिमन्यु दुधराज की मदद कर सकें। आपके माध्यम से इनकी तलाश पूरी हो सके। वे १८ फरवरी २०१८ को लखनऊ पहुंचेंगे,वहाँ से समय निकालकर अपने पूर्वजों के गांव जाकर उनसे मिलना चाहेंगेl जब वे एक बार जड़ों से उखड़कर भारत से गिरमिटिया मजदूर बनकर गए तो फिर लौट […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।