गुरुदेव के करकमलों से ‘मातृभाषा-भाग तीन’ विमोचित इंदौर। हिन्दी भाषा हमारे संस्कारों की जननी है, भाषा को निर्दोष रखें, इसी में राष्ट्र की प्रगति निहित है। उक्त विचार संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर जी महाराज द्वारा मातृभाषा उन्नयन संस्थान से जुड़े रचनाकारों के हिन्दी भाषा को प्रचारित करने वाली कविताओं के […]

गुजरात की राजधानी गांधीनगर के सामाजिक कार्यकर और हिंदी गुजराती साहित्यकार, महात्मा गांधी साहित्य मंच गांधी नगर के अध्यक्ष, इंडियन लायंस गांधीनगर स्वर्णिम क्लब के उपाध्यक्ष श्री डॉ गुलाब चंद पटेल को गुलाबी नगरी जयपुर से” नारायण स्पेशल अवार्ड” से सम्मानित किया गया है, यह उल्लेख करना चाहिए कि श्री […]

नई दिल्ली। विश्व हिन्दू परिषद ने अपनी प्रवक्ताओं की एक नई सूची जारी की है जो संगठन के विषय में मीडिया से जानकारी साझा करने तथा टेलीविजन चेनलों की बहसों में सम्मिलित हो सकेंगे। ये सभी निम्नानुसार हैं: श्री विजय शंकर तिवारी, इंदिरापुरम गाजियाबाद, उत्तर-प्रदेश मो. 98998 35132 श्री देवजी […]

इस कार्यक्रम में संस्था के अध्यक्ष श्री राधेश्याम यादव जी ने डेप्युटी मेयर श्री नाझा भाई का फूल माला से सम्मानित किया, उपाध्यक्ष श्री डॉ गुलाब चंद पटेल जी ने डेप्युटी मेयर श्री नाझाभाई घाघर का खेस डालकर सम्मान किया, डॉ गुलाब चंद पटेल उपाध्यक्ष श्री ने जागरूकता के लिए […]

इंदौर। हिन्दी भाषा के प्रचार के लिए प्रतिबद्धता से कार्यरत मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा नगर में कार्यरत हिन्दी सेवी शशि जोशी एवं किरण शर्मा को संस्थान की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ.नीना जोशी ने भाषा सारथी सम्मान से सम्मानित किया। संस्थान द्वारा देश के प्रत्येक प्रदेश में हिन्दी भाषा का प्रचार प्रसार […]

‘रसानुभूति’ द्वारा परिचर्चा आयोजितइंदौर। रस छन्द, अलंकार, अभिव्यंजना, बिम्ब विधान के अतिरिक्त राई में  सागर उतर आया! सही मायने में  छहढाला अध्यात्म, नीति और मौलिकता का प्रबन्ध काव्य है।    ये उद्गार दिल्ली के डॉ. वीरसागर जैन ने सर्वोदय अहिंसा ट्रस्ट एवं मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा आयोजित जैन साहित्यकारों के […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।