किसी को अपशब्द न कहें, न हो किसी का अपमानl मन में भी बुरा न सोचो, करो सबका सम्मानl व्यवहार हमारा प्रतिबिम्ब है, हमारे व्यक्तित्व का आईनाl मधुर व्यवहार से मिल जाती, गैर के हाथों भी पालनाl गैर को अपना बनाने का, यही तो है महामन्त्रl है सभी परमात्म सन्तान, […]

कविता कवि की कल्पना, किए समाहित अर्थ। निराधार कवि-कथन का, सृजन जानिए व्यर्थ॥ शब्द अनावश्यक न हो, शब्द-शब्द में अर्थ। करे समाहित प्रौढ़ कवि, देखे हो न अनर्थ॥ रहें सदय कविजनों पर, पल-पल रमा-रमेश। सत्ता निष्ठा शारदा, प्रति हो ‘सलिल’ हमेश। अपनेपन का शत्रु है, अहं दीजिए त्याग। नष्ट करे […]

जीवन के अनजाने पथ पर,उम्मीदों की गठरी लादे। हर कोई बस ढूँढ रहा है,अपने सपनों की मंजिल को॥ जीवन के अथाह सागर से तर जाने की चाह लिए सब। तूफानों से टकराते हैं घर जाने की चाह लिए सब॥ लेकिन कहाँ सभी पाते हैं,बाधाएँ तर कर साहिल को…, हर कोई […]

वीणावानी सुर मधुर विकास दे, श्वेतवस्त्री ज्ञान को निखार दे। वाणी मुझे ऐसी दे जो ओरों को प्रखर सके, विद्या दे तो ऐसी दे जो ओरों को समझ सके। खुद से पहले दूसरे का;ऐसा भी तू ज्ञान दे, होगा सर्वसम्मति से ऐसा वरदान दे॥ शारदे माँ! सत्यता रहेगी पूरी सृष्टि […]

  दैनिक का यही निकला परिणाम अंत में, दिन डूब गया हाथ लगी शाम अंत में। दुनिया से दिल लगाने का अंजाम यह हुआ, फोकट में हो गए हम बदनाम अंत में। विश्वास किया जिस पर हद से भी जियादा, इज्जत लिया उसी ने सरेआम अंत में। आंखों में आंसूओं […]

नदिया का किनारा,साथ तुम्हारा साथी, ह्रदय की गहराइयों की थाह लगाते साथी। दूर क्षितिज भ्रुहरेखा-सी तरुमालिका दिखती, विस्फारित नयनों में पूरा संसार समेटते साथी। . देख लघुतरुणि असंख्य शब्द साथ चलते साथी, विश्वास की लग्गी से गहराई की आँक लगाते साथी। अदभुत है यह जीवन अदभुत सुहाना संसार साथी, पुलिनों […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।