कितने रिश्ते,कितने नाते, दुनिया में बनाते हैं।  दिल से पूछें अपने हम,  कैसे उन्हें निभाते हैं॥   लोभ-लालच और अय्यारी,   रिश्तों में भर देते हैं।   दाग़दार इन रिश्तों को,   हम ख़ुद ही कर देते हैं॥    आओ रिश्तों को हम,    थोड़ा-सा रूहानी कर दें।    दिल […]

आजकल मैं अहसासों के बलबूतों पर जी रहा हूँ। मुझे हर क्षण मिलती हुई ऊर्जा के सबूतों पर जी रहा हूँ॥ मैं एक कदम बढ़ाता हूँ, खुश होता हूँ .. फिर उसका स्वाद लेकर, मैं एक कदम और बढ़ाता हूँ… इस तरह,खुद की खिदमतों पर जी रहा हूँ… आजकल मैं […]

लफ्ज़ दर लफ्ज़ लफ़्ज़ों को सिलता  हूँ, अपने अंदर के डर को राम- राम करता हूँ। अपने डर को सुइयाँ चुभोते  रहता हूँ, ऐबों की उठ्ठक-बैठकें गिनता रहता  हूँ। माँ की शॉल से ठंड को भगा  देता हूँ, मय छूता नहीं दूध आब-सा  पीता हूँ। कोसे-कोसे आटे की बू रुला  […]

तुम्हीं में बसा काशी काबा, तुम्हीं में गुरुद्वारा है। तुम्हीं में मेरी अयोध्या नगरी, तुम्हीं में नाथद्वारा हैll    तुम्हीं से निकलती गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती। तुम्हीं में बहती वात्सल्य रूपी, अमृत धारा हैl तेरे दोनों चरण बद्री और केदार, माँ  उसी में बसा मेरा पूरा संसारll    आँखें खुली तो तेरा दर्शन पाया, […]

प्यारी औ प्यारी मईया,कहते हैं कृष्ण मुरारी क्या, राधा से कर दो सगाई,मेरी राधा से कर दो सगाई… प्यारी औ प्यारी मईया,कहते हैं कृष्ण मुरारीl    सुन्दर से सुन्दर है,वो सबसे न्यारी, कहो तो कल ही ला दे,जमुना से झारी… दिल की भी सुन्दर है,ये सब बोले कन्हैयाl  लगता पुराना कोई […]

कृष्णा बन सांवरे तुम तन में समा जाना। बन मुरलीधर प्रेम  की धुन तुम बजानाll      प्राणों के प्राणनाथ हो तुम  अपनी दासी मुझे बनाना। बस जाना रूह में मेरी ऐसे दो बदन एक जान हो जैसेll      अधर बेचैन हैं मेरे,अपने नाम का  अमृत पान तुम करवा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।