अब अहित सोचना बंद करो कुछ तो ऊपर वाले से डरो सबकी भलाई की बात करो अच्छे जज्बात अपने करो अच्छाई ही सबके साथ जाएगी बुराई किसी काम नही आएगी समय की कीमत को पहचानो सद्कर्म जीवन में अपना लो किसी को दे सको तो खुशी दो अपनत्व समान मजबूती […]

चढ़ी धूप है ताप की त्रस्त हुए है जीव। चाह करत हैं छांव की, सकल धरा के जीव। सज्जन थोड़ा कष्ट कर, एक पात्र ले नीर। प्यासे तडफें जीव सुन, होते बड़े अधीर।। बूंद बूंद है कीमती, रखो नीर का ख्याल। नीर करो बर्बाद मत, जग होगा बेहाल। जीवन जलसम […]

गीत कविता लेख आदि मोहब्बत पर लिखता रहा। और लोगों की हंसी का पात्र मैं बनता रहा। क्योंकि वो लोग हमें पागल जो समझते थे? इसलिए मेरी लेखनी पर वो हमेशा हँसते थे। पर जब मेरे मोहब्बत के एक छोटे से पैग़ाम ने। लोगों को मोहब्बत करना और निभाना सिखा […]

जब लाईलाज थे तब संभल गए अब ईलाज है फिर भी फ़िसल गए इसमे कोई दोष नही महामारी का दिवाला निकला है समझदारी का छूट क्या मिली बेपरवाह हो गए कोरोना को डरा खुद हव्वा हो गए न मास्क पहना,न दो गज की दूरी जिंदगी दांव पर लग गई पूरी […]

आजकल सभी जगह मुझे इंसान दिखाई नहीं देते यह पता नहीं क्यों इसके पीछे क्या हाथ है वही हवस के शिकारी लड़कियों के पीछे भागते रहते हैं जैसे इन्होंने कभी लड़कियां देखी नहीं क्यों ऐसा करते हैं इस अपने समाज में मुझे कोई बता तो दे सोचे की जवान जवान […]

कोटि कोटि नमन करते है इस बलिदानी को, जिसने फांसी पर चढ़ा थी अपनी जवानी को। 1857 का स्वतंत्रता संग्राम इसने चलाया था। अंग्रेजो को इसने ही छठी का दूध पिलाया था। मत भूलो तुम ऐसे वीर शहीदों की कहानी को, जिसने फांसी पर चढ़ा थी अपनी जवानी को। आर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।