(स्वामी विवेकानन्द जन्मदिवस ,युवा दिवस विशेष) उठो देश के भावी युवाओं हिन्द ने तुम्हें बुलाया है, लक्ष्य से पहले रुको नहीं तुम,मार्ग ये हमको दिखाया है। देश को जिसने विश्व पटल पर गौरव मान दिलाया है, विश्व युवा उस विवेक आनन्द का आज जन्मदिन आया है। उठो देश के भावी […]

भाग्य विधाता सोच रहा सब। तू हस्तरेखाएँ क्यों देखे॥ नितदिन सूरज उगता रहता। तू ढलता सूरज क्यों देखे॥ देख गगन भी गरज रहा अब। तू सूखी जमीं को क्यों देखे॥ जग रौशन करना है तुम्हें। गम का अंधेरा क्यों देखे॥ अपने हुनर पे है यकीं जब। जाति-आरक्षण तू क्यों देखे॥ […]

जब भी तुम उदास होते हो, उदासी मेरे चेहरे पर छा जाती है। आँसूओं से आँखें तेरी नम होती है, बरसात मेरी आँखों से हो जाती है। न जाने कौन-सा रिश्ता है हम दोनों में, तू रातभर करवट बदलता है,नींद मुझे भी नहीं आती है। तेरी मुस्कुराहट मेरे होंठों की […]

पल्लल्वित हो,प्रगतिशील हो ऐसा रोपित बीज हो, बहुजन हिताय,बहुजन सुखाय ऐसी अपनी नीति हो, न धर्म हो न जाति हो न भाषावादी रीति हो, हो बसन्त चहुओर न ज्यादा गर्म हो न शीत हो, हिन्दू मुस्लिम सिख पारसी आपस में सब मीत हो, औंधे मुँह गिरे हरदम जो छल प्रपंची […]

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हमको किसी से कोई शिकायत नहीं रही, हमको अब उसकी जरूरत नहीं रही। हथियार हमारे रहे मुस्तैद हमेशा, ये और बात है कि अदावत नहीं रही। पहले की तरह लोग यहां मिलते ही नहीं, और आज यहाँ यारों तिजारत नहीं रही। हमने तो खा लिए यहां धोखे मोहब्बत में भी, […]

बिगड़ने जो लगे अब रिश्ते,तुम सुनो…, कह रहे हो,तुम्हारी इनायत नहीं…। वायदे कर उन्हें तो,नहीं तोड़ना…, आज बदलें हमीं,कौन सूरत नहीं…। ख़ाब देखे हमीं ने,सुहाने कभी…, लो सुनो,अब किसी से अदावत नहीं…। पेश आए बड़े अदब से,जबकि हम…, कह रहे हो,हमें आज नफ़रत नहीं…। इस जहां से बसो,अब कहीं दूर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।