सबकी माँ के जैसी माँ हो मेरी माँ के जैसी न माँ हो। छाती का न दूध पिलाये रोता देख पलट सो जाये समझे बेदना न पीड़ा की सीने से न कभी लगाये। सबकी माँ के जैसी माँ हो मेरी माँ के जैसी न माँ हो। प्यास से तड़पे बूंद-बूंद […]

लाख छिपाओ छिप नही सकता कर्म करता है जो भी मानव मानव केवल मानव से छिपाता ईश्वर से कुछ नही छिपता मानव पाप किये है गर पर्दे मे भी दण्ड उसका भी मिलता मानव कर्मेन्द्रियों से न भी किया हो मन मे पाप गर आया है मानव सच्चा फिर रह […]

चलो पापा  चलो स्कूल, चलो मम्मी चलो स्कूल। आ गया अप्रैल महीना, खुल गए सरकारी स्कूल।। हमारी मंजिल है स्कूल, जहाँ खिलते  नन्हें फूल। दखिला  कराने  हमारा, चलो   सरकारी  स्कूल।। मिलती आनंदमय शिक्षा, मिलता भोजन और दूध। मिलती गणवेश, छात्रवृत्ति, पाठय  पुस्तक नि:शुल्क।। सीबीएसई पैटर्न से हो रही, सरकारी स्कूलों […]

तुम निकलती क्यो नही मेरे जहन से, मै तुम्हे भूलना चाहता हूं, मै तुमसे इश्क नही, नफरतों का रिस्ता चाहता हूं। मै बहुत थक गया हूं, अब मै रोना चाहता हूं जी भर के तुमसे लिपट कर मै किसी को कुछ बताने कि स्थिति में नही रहा मै टूट रहा […]

मेरे इश्क का वजूद तू, तुझसे जीवीत हर आरजू,,, कभी सुबह की उमंग सी, कभी सुहानी शाम तुम,, मेरे गीतो के अल्फाज सी, मेरी गज़लो की तान तुम, नीली झील के जल में दिखती , नीले आसमान सी तुम,, बातें बहुत तुमसे है करनी, मेरी सोच, मेरा ख्वाब तुम,, आंखो […]

टकटकी लगाकर मुझे वो देखती रही बहाने से खिड़की में चाँद ढूँढती रही आँखें कहीँ मिल न जाए उससे मेरी सर उठता रहा उसकी आँखें झुकती रही गली में मेरी आमद होते ही ये आलम वो अपनी सहेलियों में घिरती रही उससे दूर न होने का वस्ल किया मैंने जब […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।